NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच शुरू करने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने कुछ लंबित याचिकाओं को उच्च न्यायालयों से सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए एनटीए द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर भी पक्षकारों से जवाब मांगा।
‘SC ने छात्रों द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और NTA को नोटिस किया जारी’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट ने कुछ छात्रों द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और एनटीए को नोटिस भी जारी किया है, जो मेघालय केंद्र में नीट-यूजी परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे और कथित तौर पर 45 मिनट गंवा बैठे थे। उन्होंने प्रार्थना की थी कि उन्हें उन 1563 छात्रों में शामिल किया जाना चाहिए, जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले हैं और जिन्हें 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है।
‘छात्रों ने नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया’
सूत्रों के मुताबिक मेडिकल प्रवेश परीक्षा में भाग लेने वाले 20 छात्रों द्वारा दायर एक याचिका में अदालत से एनटीए और अन्य संबंधित पक्षों को नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिकाओं में एनटीए द्वारा दायर चार स्थानांतरण याचिकाएं शामिल हैं, जिनमें अदालत ने संबंधित उच्च न्यायालयों के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक)-2024 परीक्षा से संबंधित अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 जून को कहा कि यदि परीक्षा आयोजित करने में किसी की ओर से “0.001 प्रतिशत भी लापरवाही” हुई हो तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। एनटीए अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा का संचालन करता है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 की शिकायतों से संबंधित कई याचिकाओं को संबोधित किया, जिसमें केंद्र और NTA से जवाब मांगा गया।
’24 लाख उम्मीदवारों ने लिया था भाग’
एक याचिका में प्रश्नपत्र लीक और अन्य परीक्षा अनियमितताओं के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था।