नागपुर की एक अदालत ने सोमवार को पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। निशांत अग्रवाल को 2018 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अग्रवाल ब्रह्मोस एयरोस्पेस में सीनियर सिस्टम इंजीनियर थे। ब्रह्मोस एयरोस्पेस डीआरडीओ और रूस के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम (एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया) का संयुक्त उपक्रम है, जो भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पर काम करता था,
‘निशांत अग्रवाल को मिला आजीवन कारावास’
सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने आदेश से अग्रवाल को आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) और गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की विभिन्न धाराएं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 235 के तहत दोषी ठहराया गया था। लोक अभियोजक ज्योति वजानी ने कहा, अदालत ने अग्रवाल को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत आजीवन कारावास और 14 साल के लिए आरआई की सजा सुनाई।
मिडिया के माध्यम से बनाया गया निशाना
अग्रवाल दो फेसबुक अकाउंट – नेहा शर्मा और पूजा रंजन के माध्यम से संदिग्ध पाकिस्तानी के खुफिया संपर्क में थे। इस्लामाबाद से संचालित इन अकाउंट्स के बारे में माना जाता था कि वे पाकिस्तान के खुफिया दल द्वारा चलाए जा रहे थे।
निशांत अग्रवाल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के विजेता थे और इसलिए इस तरह की गतिविधि में उनकी संलिप्तता ने उनके सहयोगियों को चौंका दिया। वह एक होनहार इंजीनियर के रूप में जाने जाते थे, उन्होंने कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से पढ़ाई की थी। अग्रवाल को पिछले अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने जमानत दी थी। 2018 के ब्रह्मोस एयरोस्पेस से जुड़े मामले ने हलचल मचा रखी थी।