Indore News : मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मैनेजमेंट ने इस मुद्दे पर कहा, “मरीज को 18 मार्च 2024 को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, उस समय वह गंभीर ह्रदय रोगों से पीड़ित थे, उन्हें लंबे समय तक वेंटिलेटर सपोर्टऔर आईसीयू में लंबे समय तक रहना पड़ा, साथ ही कई दिनों तक हाई एंटीबायोटिक दवाओं के साथ-साथ गहन देखभाल की भी आवश्यकता थी। सर्जरी के तीन हफ्ते बाद जब वह ठीक हो रहे थे और ट्रेकिओस्टॉमी से सांस ले रहे थे, उन्हें गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग हो गई।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन और एम्बोलाइज़ेशन की मदद से उनका फिर उपचार किया गया। इसलिए उन्हें 62 दिनों तक हॉस्पिटल में रखा गया, इनका पैकेज सेमी प्राइवेट कैटेगरी में था, जिसका कुल बिल 21 लाख 88 हजार 854 था, इस दौरान हर दिन होने वाले खर्च के बारे में मरीज को स्पष्ट जानकारी दी गई थी। मरीज द्वारा केवल 6 लाख 52 हजार रूपये का भुगतान किया गया था।
हम इस आरोप का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं कि हमने मरीज को बंधक बनाया, सीएम फंड की राशि (2 लाख) और 13 लाख 36 हजार 854 रूपये के बकाया लिए बिना उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। उपचार के 62 दिनों बाद मरीज एक दम स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए। मीडिया ग्रुप में फैलाई गई खबर पूरी तरह भ्रामक है और इस संबंध में हमसे किसी भी तरह की बात नहीं की गई।
गौरतलब है कि दो दिन पहले इंदौर के प्राइवेट अस्पताल ‘मेदांता’ के द्वारा मरीज से लूटपाट की घटना सामने आई थी, जिसमें 5 लाख का एस्टीमेट और बिल 21 लाख 53 हज़ार लेने के साथ ही बुजुर्ग को बंधक बनाने की जानकारी सामने आई थी, जिसका खंडन करते हुए अस्पताल ने मीडिया स्टेटमेंट जारी किया है।