Indore : 5 लाख का एस्टीमेट, बिल 21 लाख 53 हज़ार, मेदांता अस्पताल ने बुजुर्ग को बनाया बंधक, कलेक्टर ने दिलाया डिस्काउंट

Shivani Rathore
Published on:

Indore News : इंदौर के 76 वर्षीय अनिल कुमार सोनी को हार्ट की प्रॉब्लम के कारण 18 मार्च 2024 को इंदौर के मेदांता हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। जहां अस्पताल द्वारा ओपन बाईपास सर्जरी करने के लिए 5 लाख का खर्च बताया गया, लेकिन अस्पताल की लापरवाही के कारण सर्जरी बिगड़ने पर अन्य प्रॉब्लम शुरू हो गई, जिससे उन्हें ज्यादा दिन अस्पताल में रखना पड़ा और 1 मई 2024 को अस्पताल द्वारा 21 लाख 53 हज़ार का बिल थमा दिया।

बिल न भरने की स्थिति में 76 वर्षीय अनिल कुमार सोनी को अस्पताल द्वारा बंधक बनाकर रखा गया है उनकी बेटी पल्लवी द्वारा बताया गया की हमे एस्टीमेट 5 लाख रुपए का दिया गया था हमने बड़ी मुश्किल से 650000 स्वयं और ₹200000 मुख्यमंत्री सहायता कोष से अस्पताल को उपलब्ध करा दिए अब डिस्चार्ज करते समय अस्पताल द्वारा हमें 21 लाख 53 हज़ार का बिल थमा दिया गया है, जिसे हम भरने में असमर्थ हैं।

अस्पताल वाले पिताजी को छोड़ नहीं रहे हैं उन्हें बंधक बना लिया गया है। अतः सरकार से निवेदन है कि हमें न्याय दिलाया जाए यह कहना है। उनकी बेटी का पल्लवी का जब हमारे संवाददाता द्वारा अस्पताल के प्रबंधक से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया बिल भरने के बाद ही हम उन्हें छोड़ेंगे।

जबकि जब हमने उसे पूछा जब बिल 21 लाख 53 हज़ार का बनाया गया है, तो मुख्यमंत्री सहायता कोर्स में 10 लाख का एस्टीमेट क्यों दिया? इसको लेकर प्रबंधन द्वारा जवाब दिया गया कि हमें आदेश है कि हम 10 लाख से अधिक का एस्टीमेट नहीं दे सकते। हमारा अस्पताल प्रबंधन से सीधा सवाल है जिस इलाज़ का 21 लाख 53 हज़ार का बिल दिया गया, तो एस्टीमेट 10 लाख का क्यों? ऐसे ही कई गमले मध्य प्रदेश की कई अस्पतालों में चल रहे हैं।

कलेक्टर श्री आशीष सिंह को धन्यवाद

मेदांता अस्पताल में भर्ती श्री अनिल सोनी को डिस्चार्ज कर दिया गया है। ‌ कलेक्टर के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन ने श्री सोनी को 13 लाख रुपए का डिस्काउंट दिया है।