पंजाब सरकार ने आईएएस अधिकारी और बीजेपी उम्मीदवार परमपाल कौर का VRS खारिज कर दिया है। परमपाल कौर का इस्तीफा केंद्र द्वारा स्वीकार कर लिया गया था इसके बावजूद बावजूद पंजाब सरकार ने IAS अधिकारी परमपाल कौर को अपना VRS (समयपूर्व सेवानिवृत्ति) रद्द करने और ड्यूटी ज्वाइन करने कहा है। सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ने इस्तीफा मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेज दिया था जिन्होंने अभी तक परमपाल कौर के इस्तीफे को मंजूरी नहीं दी थी।
पंजाब सरकार ने उनकी VRS की मांग को खारिज कर दिया है और उन्हें नौकरी पर वापस ज्वाइन करने को कहा है। परमाल कौर को आज ही अपना नामांकन दाखिल करना है। इन सब के बाद परमाल कौर की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। पंजाब सरकार के इस फैसले के बाद अब अटकलों का दौर शुरू हो गया है कि परमाल कौर अपना नामांकन दाखिल करेगी या नहीं।
कौन है परमाल कौर?
पंजाब की आईएएस अधिकारी परमपाल कौर, जो पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सिकंदर मलूका की बहू हैं। परमपाल कौर ने समय से पहले ही सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था ताकि वह लोकसभा चुनाव 2024 बठिंडा निर्वाचन क्षेत्र से लड़ सके। परमपाल कौर 2011 बैच के आईएएस अधिकारी है जो सेवा रिकॉर्ड के अनुसार, इस साल अक्टूबर में सेवानिवृत्त होने वाली थी। वह पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात हैं और उन्होंने मंगलवार को पंजाब के मुख्य सचिव को अपना इस्तीफा भेज दिया। परमपाल कौर ने बीजेपी उमीदवार के तौर पर अपना नामांकन भी करवा लिया था। परमपाल कौर IAS की नौकरी से VRS लेने के बाद बीजेपी में शामिल हो गई थीं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें बठिंडा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था।
परमपाल कौर की VRS की मांग खारिज होने के कारण
पंजाब सरकार ने अपने नोटिस में VRS की मांग खारिज करने का कारण स्पष्ट किया है और बताया है कि परमाल कौर ने इस्तीफे के साथ-साथ तीन महीने की नोटिस अवधि को भी माफ करने की मांग की थी। साथ ही पंजाब सरकार ने यह भी कहा कि नोटिस अवधि माफ करना केंद्र सरकार के नहीं बल्कि राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसी को ध्यान में रखते हुए परमाल कौर का VRS खारिज कर दिया गया।