सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को यह कहते हुए फटकार लगाई कि वह चयनात्मक नहीं हो सकता है और उसे अपने पास मौजूद सभी कल्पना योग्य चुनावी बांड विवरणों का खुलासा करना होगा, सुप्रीम कोर्ट ने SBI को तीन दिन का समय दिया है। 21 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर समेत पूरा डेटा सार्वजनिक कर दिया जाना है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड मामले में अपने फैसले में एसबीआई से बांड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और उसे इस पहलू पर अगले आदेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए।
इस बेंच में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे । बेंच ने कहा कि हमने एसबीआई से सभी विवरण प्रकट करने को कहा था जिसमें चुनावी बांड नंबर भी शामिल हैं। एसबीआई को खुलासा करने में चयनात्मक न होने दें।
गौरतलब है कि 15 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के अनुपालन में अद्वितीय अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा न करने का कारण बताने के लिए एक नोटिस जारी किया था, और कहा था कि एसबीआई उन्हें प्रकट करने के लिए कर्तव्यबद्ध था। पीठ ने कहा कि “इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई को सभी विवरणों का खुलासा करना आवश्यक था। हम स्पष्ट करते हैं कि इसमें भुनाए गए बांड का अल्फा-न्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर, यदि कोई हो, शामिल होगा, हालांकि एसबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने शीर्ष अदालत से कहा कि अगर चुनावी बांड की संख्या बतानी होगी तो हम देंगे।