महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव द्वारा निगम के लीज शाखा, राजस्व विभाग, पार्किग व्यवस्था के साथ ही मार्केट विभाग की महापौर सभाकक्ष में समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में महापौर परिषद सदस्य श्री निरंजनसिंह चौहान, श्री राजेश उदावत, श्री राकेश जैन, अपर आयुक्त श्री अभिलाष मिश्रा, श्री आरएस देवडा व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। महापौर श्री भार्गव द्वारा निगम के लीज शाखा, राजस्व विभाग, पार्किग व्यवस्था के साथ ही मार्केट विभाग की विभाग प्रभारी एवं विभागीय अधिकारियो के साथ समीक्षा की गई।राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान महापौर श्री भार्गव द्वारा सर्वप्रथम शहर में स्थित शासकीय विभागो से राजस्व की बकाया सूची के संबंध में चर्चा की गई, साथ ही निगम द्वारा जलकर हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत लगाये जा रहे शिविर की झोनवार समीक्षा की गई। राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान जीआईएस सर्वे में सम्मिलित सम्पतियों की जानकारी एवं सर्वे हेतु शेष कार्यो की समीक्षा की गई। निगम राजस्व विभाग द्वारा नवीन संपतियों के खाते खोलने के साथ ही कितनी नवीन खातो से राजस्व प्राप्त किया गया है की भी सूची पर चर्चा की गई।
महापौर जी द्वारा शहर के ऐसे कितने संस्थान जिनके द्वारा भवन अनुज्ञा की आवासीय अनुमति की स्वीकृति प्रदान की गई है किंतु उपरोक्त संपति का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है ऐसी सम्पतियों का वार्डवार सर्वे करने के निर्देश दिये गये तथा राजस्व वसुली अभियान के तहत रूपये 50 हजार से अधिक के बकायादारो की वसुली की समीक्षा करते हुए, आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। महापौर श्री भार्गव द्वारा ठौस अपशिष्ट प्रबंधन वसुली की भी समीक्षा करते हुए, 75 प्रतिशत से कम वसुली वाले वार्डाे की समीक्षा की गई तथा मार्केट विभाग द्वारा कितनी निगम की दुकानों का किराया वसूला गया और कितना शेष हैं की भी समीक्षा की गई। इसके साथ ही महापौर जी द्वारा लायसेंस नवीनीकरण एवं नवीन लायसेंस की समीक्षा की गई। महापौर जी व प्रभारी द्वारा राजस्व विभाग अंतर्गत झोनवार, वार्डवार निकाय की सम्पत्तियों की सूचि और उनसे प्राप्त होने वाला राजस्व की समीक्षा की गई।
इसके साथ ही महापौर श्री भार्गव व प्रभारी द्वारा लीज शाखा की समीक्षा करते हुए, निकाय स्तर पर लीज आवंटन हेतु बची सम्पति/दुकानों, काम्पलेक्स की छत, निकाय समपत्ति की सूची पर चर्चा की गई तथा लीज विभाग अंतर्गत लीज नवीनीकरण, फ्री होल्ड के पेंडिंग प्रकरणों की सूची की भी समीक्षा की गई। इसके साथ ही मार्केट विभाग की समीक्षा करते हुए, शहर में कितनी गुमटियां और उनसे कितना राजस्व प्राप्त हो रहा है, राजस्व वसुली की भी समीक्षा की गई। साथ ही गुमटियो, अस्थायी दुकानो का पहले पंजीयन होता था, वह बन्द क्यों है, अस्थायी दुकानों, ठेला व्यवसाय करने वालो से राजस्व मिलता है या नही पर भी चर्चा की गई। झोनवार ओपन लेंड और उनके मालिकाना हक की जानकारी, ताकि जिला प्रशासन से उक्त भूमि का आंवटन के संबंध में भी चर्चा की गई।
महापौर श्री भार्गव व प्रभारी द्वारा जिला प्रशासन से निकाय को आवंटित भूमियो की जानकारी, वर्तमान में ऐसी भूमि की स्थिती पर चर्चा की गई, शहर में स्थित पार्किंग की सम्पूर्ण जानकारी के साथ ही मार्केट विभाग के माध्यम से शहर में पार्किंग स्थलों की संख्या और उसमें से कितनी उपयोग में आ रही है, कितने पार्किंग स्थलो का शुल्क वसुला जा रहा है, कितनी मल्टीलेवल पार्किंग है की भी समीक्षा की गई। इसके साथ ही जे.एन.एन.यु.आर.एम के पार्किंग के ठेके की अवधी कितनी शेष है पर भी चर्चा की गई। शहर में लगने वाले समस्त प्रकार के विज्ञापन, बोर्ड, होर्डिंग, युनीपोल, युरीनल स्पॉट एवं अन्य स्पॉट पर नियुक्त ऐजेन्सी व कान्ट्रेक्ट अवधी की भी समीक्षा की गई। इस पर महापौर श्री भार्गव व विभाग प्रभारी द्वारा राजस्व विभाग, लीज शाखा, पार्किंग व्यवस्था, मार्केट विभाग की समीक्षा करते हुए, संबंधित विभागीय अधिकारियो को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।