IAS Success Story: इस आईएएस अफसर ने छोड़ी 28 लाख की सैलेरी वाली नौकरी, बिना कोचिंग करें पहले अटेम्प में मिली सफलता

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IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग यानि UPSC की परीक्षा में हर कोई चाहता है कि वह इस कठिन एग्जाम को पास कर सके और एक ऊंचे पद पर बैठे। हर किसी का सपना होता है कि एक बड़ा अफसर बन कर अपने माता पिता का नाम रोशन करें। आज हम आपको एक ऐसी ही आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे है जिनका नाम आयुष गोयल है। जिन्होंने हाई सैलरी पैकेज की सैलेरी को छोड़ UPSC की तैयारी में जुट गए। इस परीक्षा में बैठने के बाद अपने पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी की एग्जाम क्लियर कर ली थी। जानकरी के अनुसार आपको बता दें हार साल UPSC की परीक्षा के लिए लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं।

आईएएस आयुष का जीवन परिचय

आईएएस आयुष गोयल ने दिल्ली में सरकार की संचालित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में अपनी औपचारिक स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद आयुष गोयल ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 91.2% अंक मिले थे। जबकि कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उन्हें 96.2% अंक प्राप्त हुए थे। इसके बाद कक्षा 12वीं के बाद आयुष गोयल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। आयुष के पिता सुभाष चंद्र गोयल एक किराना स्टोर के मालिक हैं और उनकी माता मीरा गोयल एक गृहिणी हैं।

28 लाख रुपए की छोड़ी नौकरी

ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने कैट की परीक्षा के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया था। कैट की परीक्षा में पास होने के बाद उन्होंने केरल के IIM कोझिकोड में MBA में एडमिशन लिया। MBA करने के बाद आयुष ने जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी में एक विश्लेषक के रूप में कार्य करने लगे। आईएएस आयुष को इस पद पर सालाना 28 लाख रुपए की सैलरी मिलती थी। बता दें 8 महीने नौकरी के बाद आयुष ने अपनी जॉब छोड़ दी। वो अपना पूरा ध्यान यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पर केंद्रित करना चाहते थे। इतनी अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़ने के बाद उन पर पढ़ाई का काफी दबाव था। वो यूपीएससी परीक्षा के लिए दिन-रात पढ़ाई मकरते रहते थे।

8 से 10 घंटे करते थे पढाई

आयुष गोयल ने UPSC के लिए करीब डेढ़ साल तक घर पर रह कर ही इसकी पढ़ाई की। इसके लिए उन्होंने कोई कोचिंग भी नहीं ली। आयुष दिन में कम से कम 8 से 10 घंटे इंटरनेट पर वीडियो देखकर और किताबें पढ़ते हुए लगातार पढ़ाई करते रहते थे। उनकी दिन रात पढाई करने का नतीजा ये निकला कि वो अपने पहले प्रयास में ही सफल हो गए। उनको इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वो इतनी जल्दी अपने इस लक्ष्य को हासिल प्राप्त कर लेंगे। बता दें उनकी तैयारी कुछ ऐसी थी कि उन्होंने इस परीक्षा में 171वीं रैंक के साथ सफलता हासिल कर ली और आईएएस अधिकारी बन गए।