ये हैं भगवान राम के वंशज, कोर्ट में रामलला के लिए पेश किए थे अहम सबूत

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अयोध्या में भागवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथो संपन्न हुआ। श्री राजा राम अयोध्या नगरी में विराजित हो गए । ऐसे में भगवान राम के वंशज का जिक्र होना महत्वपूर्ण हो जाता है। भगवान राम के वंसज भारत में ही रहतें है और यह खुद को सूर्यवंश की 307वी पीड़ी बतातें है। इतना ही नही रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।तो चलिए बतातें है

जयपुर का राजघराना कुश के हैं वंशज
गुलाबीनगरी जयपुर को बसाने वाले महाराजा सवाई जयसिंह का नाम कुश के वंशजों में 289वीं पीढ़ी में अंकित है। राजघराने की मानें तो वे अयोध्या के राजा भगवान श्री राम के वंशज है। यहां के पूर्व महाराजा भवानी सिंह भगवान राम के पुत्र कुश की 307 वीं पीढ़ी से थे। वहीं, यह बात इतिहास के पन्नों में भी दर्ज है। इतना ही नही कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी राजघराने के महाराजा भवानी सिंह की बेटी दीया कुमारी ने दावा किया था कि उनका परिवार भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर ख्यात कच्छवाहा/कुशवाहा वंश के वंशज हैं।

पूर्व राजकुमारी और वर्तमान में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीयाकुमारी ने इसके कई सबूत भी दिए हैं। उन्होंने एक पत्रावली दिखाई, जिसमें भगवान श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रमवार दर्ज हैं। इसी में 289वें वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307वें वंशज के रूप में महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा है। इसके अलावा पोथीखाने के नक्शे भी हैं।

उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का बड़ा योगदान
दीया कुमारी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुछ सबूत दिए थे। जहां उन्होनें कहा था जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह भगवान राम के बड़े बेटे कुश के 289वें वंशज थे। इतना ही नही 9 दस्तावेज, 2 नक्शे साबित करते हैं कि अयोध्या के जयसिंहपुरा व राम जन्मस्थान सवाई जयसिंह द्वितीय के अधीन ही थे।

प्रभु राम की 308वीं पीढ़ी है उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी
राजकुमारी दीया कुमारी के अनुसार कच्छवाहा वंश को भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर कुशवाहा वंश भी कहा जाता है। वंशावली के मुताबिक 62वें वंशज राजा दशरथ, 63वें वंशज श्रीराम, 64वें वंशज कुश थे। सिटी पैलेस के पोथीखाना में रखे 9 दस्तावेज और 2 नक्शे साबित करते हैं कि अयोध्या के जयसिंहपुरा और राम जन्मस्थान सवाई जयसिंह द्वितीय के अधीन थे। प्रसिद्ध इतिहासकार आर नाथ की किताब के मुताबिक अयोध्या के रामजन्म स्थल मंदिर पर जयपुर के कच्छवाहा वंश का अधिकार था।

हालांकि राम के वंसजों की लंबी सूची है मेवाड़ के पूर्ववंसज भी राम के वंसज कहतें है । बता दें राजस्थान के मेवाड़ के वंसज सिसोदिया सूर्यवंसी वंश से आते हैं। इस वंश के कई प्रतापी राजा भी रहे । महाराणा प्रताप महाराणा कुंभा मेवाड़ के सिसोदिया वंश से आतें हैं । ऐसे में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सभी को निमंत्रण दिया गया था । जहां वह शामिल होने पहुचें हैं।