बस्तर के पत्रकारों को सौ-सौ सलाम

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प्रियंका कौशल

बस्तर के पत्रकार..उनमें भी कुछ युवा पत्रकार.. इनके हौसलों को सलाम है। अपनी जान पर खेलकर पुलिस प्रशासन की मदद करने में कभी पीछे नहीं हटते। उनपर ख़बर को सबसे पहले ब्रेक करने का दवाब तो रहता ही है, लेकिन वे मानवता का साथ कभी नहीं छोड़ते। जब जब पुलिस को उनकी जरूरत पड़ी है, चाहे जवानों के पार्थिव शरीर लाने के लिए, चाहे नक्सलियों से मध्यस्थता के लिए, चाहे नक्सलियों की बात पुलिस तक पहुंचाने के लिए..हमेशा अपना कर्त्तव्य निभाते हैं।

स्थानीय पत्रकारों ने 3 मई बीजापुर मुठभेड़ के बाद नक्सलियों द्वारा अपह्रत जवान को वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अन्ततः मध्यस्थता कर रहे चार स्थानीय प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ पत्रकार जंगल मे गए। कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को सकुशल वापस ले आये। बस्तर के ऊर्जावान,निडर पत्रकारों का नाम इतिहास याद रखेगा।

फ़ोटो में पत्रकारों के साथ वापस लौटते राकेश्वर सिंह।