हिंदू धर्म में जिस तरह देवी-देवताओं को पूजा जाता है ठीक उसी तरह पेड़ पौधों को भी पूजा जाता है। कई पेड़ पौधे ऐसे होते हैं जिनकी विधि विधान से पूजा की जाती है। आपने अक्सर कई लोगों को पेड़ पर कलावा बांधते देखा होगा। क्या आप जानते हैं, की पेड़ पर कलावा क्यों बांधा जाता है इससे क्या फायदे होते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको इस लेख के द्वारा यह बताएंगे कि पेड़ पर कलावा क्यों बांधा जाता है और इसका क्या महत्व होता है।
जानें, कलावा का महत्व
हिंदू धर्म में कलावा का विशेष महत्व होता है। इसे न सिर्फ हाथ में बांधा जाता है बल्कि पेड़ों पर भी बांधा जाता है। पेड़ों में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसलिए पेड़ों में कलावा बांधा जाता है। पेड़ों में कलावा बांधने से तीनों देवों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा करने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं।
इन इन पेड़ों पर बांधा जाता है
बरगद
हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ का बहुत महत्व है। इसे वट वृक्ष भी कहा जाता हैं। हिंदू धर्म की औरतें वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ पर कलावा बांधा जाता हैं इसे लेकर ऐसी मान्यता है, इस पेड़ पर कलावा बांधने से स्त्रियों के सुहाग की उम्र बढ़ती हैं और रक्षा होती है।
पीपल
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का भी विशेष महत्व है इसे बहुत पवित्र माना जाता है। पीपल के पेड़ की विशेष रूप से पूजा करने और उस पर कलावा बांधने से जीवन में सकारात्मकता आती है। साथ ही साथ घर में सुख शांति रहती है।
तुलसी
हिंदू धर्म में हर घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है। तुलसी को मां का दर्जा दिया गया है। नियमित रूप से तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही साथ तुलसी के पौधे में कलावा बांधने से परिवार में एकता बनी रहती है, और सफलता के योग बनते हैं।
शमी
शमी को भगवान शिव का पौधा माना जाता है। शमी के पौधे की पूजा करने से भगवान शंकर का आशीर्वाद बना रहता है साथ ही साथ शनि दोष से मुक्ति भी मिलती है। शमी के पेड़ में कलावा बांधने से घर की बुरी शक्ति का नाश होता है।