पिछले कुछ दिनों से प्रदेश से दक्षिण-पश्चिम वर्षा की अच्छी तरह रवानगी हो गई हैं। मौसम कार्यालय (IMD) ने कल यानी की सोमवार को ऑफिशियली रूप से इसका ऐलान कर ये बात पक्की कर दी थी कि अब प्रदेश से मानसून विदा हो चुका हैं। साथ ही रीवा और शहडोल संभाग से भी अब बारिश पर विराम लग चुका हैं। यहां दिन में तीव्र चिलचिलाती हुई धूप और टेंपरेचर में भी भारी रफ्तार देखने को मिल रही है।
यहां, रात्रि के टेंपरेचर में मामूली मंदी रिकॉर्ड की गई है, जिसके परिणामस्वरूप मौसम में शीतलता बनी हुई हैं। वर्ष 2019 के बाद फर्स्ट टाइम वर्षा का क्रम इतनी शीघ्र तरह से प्रदेश से रवाना हुआ है। वहीं, उत्तर भारत में इस वेदर का प्रथम वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पार हो गया है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित इधर उधर के कई क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालांकि रात्रि के टेंपरेचर में भी भारी हो सकता है।
मौसम कार्यालय के आधार पर रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट से भी बारिश की विदाई के बाद अब एक बार पुनः वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव प्रदेश में दिखने लगेगा। मौसम स्पेशलिस्ट का कहना है कि 15 अक्टूबर के पश्चात रात्रि के टेंपरेचर में काफी कमी देखने को मिलेगी। पंचमढ़ी, नौगांव, खजुराहो और ग्वालियर-चंबल संभाग के कई जिलों में नाइट का पारा 10 डिग्री के पार पहुंच सकता हैं।
दिन के पारे में हुई जबरदस्त वृद्धि
वर्षाऋतु की रवानगी के बाद अब सुबह के टेंपरेचर में काफी ज्यादा वृद्धि देखने को मिली हैं। हालांकि अक्टूबर महीने में प्रदेश में सुबह चिलचिलाती हुई भीषण धूप और रात्रि को गुलाबी ठंड रहती है। ऐसा ही कुछ मौसम इस वक्त प्रदेश के अधिकांश जिलों में देखने को मिल रहा है। ज्यादातर जिलों में सुबह का टेंपरेचर चढ़ा हुआ है तो वहीं रात्रि का टेंपरेचर 20 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। ग्वालियर संभाग में सवेरे का पारा सर्वाधिक बना हुआ है। दमोह में कल यानी सोमवार को ज्यादा से ज्यादा पारा 37.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया वहीं गुना में टेंपरेचर 36.8 डिग्री तक पहुंच गया हैं।
15 अक्टूबर से टेंपरेचर में मंदी
मौसम कार्यालय के मुताबिक 15 अक्टूबर से रात्रि के पारे में जोरदार कमी देखी जा गिरावट सकती है। साथ ही अब आहिस्ता आहिस्ता सर्द भी खटखटाने लगी है। पचमढ़ी, नौगांव, खजुराहो और ग्वालियर-चंबल संभाग के कई जिलों में रात्रि का टेंपरेचर 10 डिग्री के पार पहुंच सकता है।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का दिखेगा प्रभाव
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले कुछ एक हफ्ता में प्रदेश के अधिकांश जिलों में सर्दी एंट्री कर सकती हैं। इसी के साथ टेंपरेचर में तीव्रता से कमी रिकॉर्ड की जा सकती है। प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर भी दिख सकता है, जिसके चलते प्रदेश के छिटपुट जिलों में रिमझिम सावन की परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।