प्रदेश में जहां पूरी तरह से बारिश पर विराम लग चुका हैं। अब इसके बाद शीघ्र ही मामूली सर्दी का एहसास होने लगा हैं। वहीं MP से वर्षा का क्रम समाप्त हुए काफी दिन व्यतीत हो चुके हैं। कई जिलों में देर रात्रि और सवेरे सवेरे मामूली सी गुलाबी सर्द का अनुभव भी होने लगा है। मौसम कार्यालय के अनुसार दो दिन में जल्द ही सर्दी एंट्री कर सकती हैं। यहां प्रदेश के तमाम जिलों में मानसून का सिलसिला लगभग समाप्त ही हो चुका है। आज सभी जिलों में मौसम साफ और खुला हुआ रहेगा।
MP में आज के मौसम का हाल
मौसम कार्यालय द्वारा जारी अनुमान के अनुसार आज समस्त जिलों में मौसम साफ बना रहेगा। जहां पर 2 दिन पश्चात मौसम का प्रथम पश्चिमी विक्षोभ आएगा, जिसके बाद प्रदेशभर में पिंक कोल्ड की एंट्री होगी। अगले 24 घंटे में रीवा संभाग के कुछ क्षेत्रों में मामूली रिमझिम रिकॉर्ड हुई, लेकिन अब आज से किसी भी जिले में वर्षा या रिमझिम बरखा देखने के चरण की समाप्ति हो गई हैं।
कितना रहेगा टेंपरेचर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी मौजूदा समय में चिलचिलाती हुई ग्रीष्म का अनुभव होगा, जबकि देर रात्रि और सवेरे सवेरे मामूली सर्दी का अनुभव होगा। यहां मौसम विभाग द्वारा 15 अक्टूबर के बाद ठंड का असर और भी ज्यादा बढ़ेगा और नवंबर के माह से दिन के टेंपरेचर में भी भारी कमी रिकॉर्ड की जाएगी। वहीं पिछले 24 घंटे में प्रदेश में सर्वाधिक टेंपरेचर 47 डिग्री सेल्सियस दमोह और गुना में नोटिस किया गया जबकि कम से कम टेंपरेचर 17 डिग्री सेल्सियस छिंदवाड़ा में दर्ज किया गया।
रात्रि में गुलाबी सर्दी का एहसास
मौसम कार्यालय के मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि प्रदेश से वर्षाऋतु की वापसी हो चुकी है। अक्टूबर में वर्षा, ग्रीष्म और सर्दी पड़ने का चलन है। यही वजह है कि दिन में ग्रीष्म और रात्रि में मामूली सर्दी पड़ रही है।
MP में वर्षा का सिलसिला लगभग समाप्त
प्रदेश में वर्षा का सिलसिला समाप्त हो चुका है। इस वर्ष प्रदेश के 25 जिलों में एवरेज से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। झाबुआ, बुरहानपुर, खरगोन, नरसिंहपुर, सिवनी, निवाड़ी, रतलाम, भिंड, उज्जैन, राजगढ़, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, कटनी, छिंदवाड़ा, देवास, श्योपुरकलां, हरदा, बैतूल और अनूपपुर जिले में इस वर्ष औसत से अधिक वर्षा हो चुकी है।
MP के इन जिलों में कम वर्षा रिकॉर्ड
MP के पूर्वी भागों में इस वर्ष अब तक एवरेज से 4% कम वर्षा दर्ज हुई है। इनमें सतना, अशोकनगर, रीवा और सीधी जिले भी सम्मिलित हैं। जहां इस वर्ष सर्वाधिक कम वर्षा रिकॉर्ड हुई हैं।