भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1 मिशन’ की घोषणा की है। यह मिशन सूर्य के अध्ययन के लिए होने जा रहा है और धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर तक पहुंचेगा। इसकी जानकरी इसरो द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी गई। जिसके बाद से ही अब पूरे देश में इसरो के मिशन आदित्य एल – 1 मिशन की बात होने लगी है।
जानकारी के मुताबिक आदित्य एल-1 मिशन को 2 सितंबर को सुबह 11.50 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल-1 मिशन का प्रमुख पेलोड विजिबल लाइन एमिशन कोरोनाग्राफ (VELC) है, जिसका विकास इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स द्वारा किया गया है। मिशन का मुख्य लक्ष्य सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और सौरमंडल के कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना है।
मिशन की विवरण:
आदित्य एल-1 मिशन को 2 सितंबर को सुबह 11.50 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा।
इस मिशन में टोटल 7 पेलोड हैं, जो सूर्य की विभिन्न परतों का अध्ययन करेंगे।
पिछले सूर्य मिशन:
पहला सूर्य मिशन ‘पायनियर-5’ को नासा ने साल 1960 में भेजा था।
अब तक विभिन्न देशों ने सूर्य के अध्ययन के लिए 22 मिशन भेजे हैं, जिनमें से केवल एक मिशन असफल रहा है।
सबसे ज्यादा मिशन नासा की तरफ से लांच किये गए है।
आदित्य एल-1 मिशन भारत का पहला सूर्य मिशन होगा, जिससे हम सूर्य की सबसे बाहरी परत को भी अध्ययन कर सकेंगे। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मुद्दों में भारत को महत्वपूर्ण स्थान दिलाने का प्रयास करेगा।