SC ने राज्य की कानून व्यवस्था और सरकार की कार्यशैली को लेकर की टिप्पणी, कही ये बात!

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By Mohit DevkarPublished On: March 13, 2021

भोपाल: प्रदेश कांग्रेस महामंत्री (मीडिया) के.के.मिश्रा ने शुक्रवार को मप्र के दमोह जिले में हुए एक हत्याकांड को लेकर सर्वोच्च अदालत द्वारा इस विषयक राज्य सरकार की कार्यशैली की लेकर की गई टिप्पणी कि “प्रदेश में जंगलराज है और सरकार संविधान के अनुरूप काम नहीं कर रही है”, को एक कड़ा संवैधानिक प्रहार,तमाचा व अकर्मण्यता का स्वतः सीधा प्रमाण करार दिया है। मिश्रा ने इस टिप्पणी के बाद राज्य की खरीदी हुई सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चौहान से इस्तीफा मांगा है,क्योंकि देश की शीर्ष अदालत की उक्त टिप्पणी के बाद इस विषयक किसी भी सार्वजनिक बहस की जरूरत नहीं है।


मिश्रा ने यह भी कहा है कि इसी प्रकरण में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश,जिला-दमोह माननीय आर.पी.सोनकर ने भी पारित अपने आदेश में स्पष्टतः लिखा है कि “एस.पी. दमोह उनके विरुद्ध गंभीर आरोप मिथ्या रूप से लगवाकर या किसी अन्य प्रकरण में फंसा सकते है”। किसी अपर सत्र न्यायाधीश की यह लिखित टिप्पणी भी सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान है। लिहाज़ा,शीर्ष अदालत के अलावा जिला न्यायालय की अलग-अलग गंभीर टिप्पणियां एक अलोकतांत्रिक राज्य सरकार के मुंह पर करारा संवैधानिक प्रहार व करारा तमाचा है। जिसका दोष सरकार के मुखिया के नाते श्री शिवराजसिंह चौहान किसी और पर नहीं मड़ सकते हैं,नैतिकता के नाते उन्हें तत्काल इस्तीफ़ा देना चाहिये।