जानिए क्या होता है ठठरी शब्द का अर्थ? जिसका धीरेंद्र शास्त्री बार-बार करते हैं उपयोग

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नई दिल्ली। मशहूर कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों काफी चर्चाओं का विषय बने हुए हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने परिचय वाले चमत्कार को लेकर दुनियाभर में काफी ज्यादा चर्चाओं में है अब तक उनके इस चमत्कार को लेकर कई एक्सपेरिमेंट किए जा चुके हैं। लेकिन उन्होंने हर एक एक्सपेरिमेंट का बखूबी आंसर दिया है। ऐसे में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने दिव्य दरबार को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में हमेशा बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा हुआ रहता है, लोग दूर-दूर से बाबा के चमत्कार को देखने के लिए आते हैं अपनी पीड़ा को उनके साथ साझा करते हैं, जिसका पंडित नंबर आने पर अपने परिचय के माध्यम से समाधान भी निकालते हैं। लेकिन आपने हमेशा उन्हें ‘ठठरी’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं शब्द का सही मतलब क्या होता है?

दरअसल, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने चमत्कारों के साथ ही अपनी बोली के लिए भी जाने जाते हैं, अब तक उन्होंने बड़े-बड़े पत्रकारों को इंटरव्यू दिए हैं। लेकिन कोई भी उनका सामना नहीं कर पाया है। रहा सवाल ‘ठठरी’ शब्द का तो इसका अर्थ ‘अर्थी’ होता है। जिसे बांस के जरिए बनाया जाता है। इंसान के निधन होने पर इसी पर लेटा कर उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है। बुंदेलखंड में यह शब्द आम बात है।

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मालवा के कई क्षेत्रों में भी आपको यह शब्द सुनने को मिल जाएगा। लेकिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से इस शब्द का काफी उपयोग करते हैं, हालांकि इस शब्द का और भी मतलब निकलता है जिसे हड्डियों का ढांचा भी कहा जाता है। अक्सर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी कथा के दौरान इस शब्द का उपयोग कर देते हैं जो कि काफी चर्चाओं में हैं।