इंदौर। प्रसिद्ध अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि एक दौर था जब दूरदर्शन के सीरियलों के लिए इतमिनान से काम होता था। चार-पांच दिनों तक सतत शूटिंग के बाद एक एपीसोड बनता था, लेकिन व्यावसायिक दौर में आज एक दिन में ही एक एपीसोड बना दिया जाता है। स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित ‘रूबरू’ कार्यक्रम में श्री गुप्ता ने कहा कि आज के दौर में कम पैसा खर्च करके ज्यादा से ज्यादा काम लिया जा रहा है। यह भी एक तथ्य है कि नई-नई तकनीक से कई चीजों में लाभ भी हो रहा है। पुराने और नए दौर में लक्ष्य यही है कि हम सभी मिलकर ऐसी चीज बनाए जो दर्शकों को बांध कर चले।
ओटीटी प्लेटफार्म के माध्यम से बढ़ती अश्लीलता के संदर्भ में श्री गुप्ता ने कहा कि हम अपने देश की मानमर्यादा के मान से प्रतिक्रिया दे सकते हैं, लेकिन पूरी दुनिया में जो अश्लील कंटेंट उपलब्ध है उससे कैसे बचेंगे। अब ओटीटी प्लेटफार्म पर सुधार की बात काल्पनिक आदर्शवाद नजर आती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज भी सबसे ज्यादा शराब उन्हीं राज्यों में बेची जाती है जहां शराब बंदी होती है। दर्शकों को चाहिए कि वे अपनी आत्मा की आवाज पर सीरियल व फिल्में देखें। फिल्मों के बहिष्कार संबंधी प्रश्न के जवाब में गुप्ता ने कहा कि यह सब राजनीति का हिस्सा है। विरोध की वजह यह होना चाहिए जिसे जो फिल्म ना पसंद हो वह नहीं देखें। विरोध का असर हुआ होता तो पठान फिल्म सबसे ज्यादा कमाई वाली नहीं बनती। अभिनय के क्षेत्र में आगे बढऩे के मामले में उन्होंने कहा कि शार्टकट से कोई आगे नहीं बढ़ सकता। अभिनय सामूहिक कला है। सभी के प्रयासों से ही बेहतर प्रोडक्ट सामने आता है। उन्होंने यह भी कहा जब तक सांस है तब तक आस रखी जाना चाहिए।
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फिल्मों में परिवारवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि परिवारवाद से कोई भी नहीं बच पाया। समाज के हर वर्ग में इसका असर देखने को मिलता है। हर जगह सफलता उन्हीं को मिलती है, जिनमें प्रतिभा होती है। प्रारंभ में श्री गुप्ता का स्वागत प्रवीण कुमार खारीवाल, सोनाली यादव, उर्मी शर्मा, वरुण जोशी, सिमरन शर्मा ने किया। अंत में आकाश चौकसे ने स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी एवं रंगकर्मी उपस्थित थे।