हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है। वहीं होली के ठीक एक दिन पहले होलिका दहन करने की परंपरा है। इस साल होली का ये पावन पर्व 7 और 8 मार्च को मनाया जाएगा। यानी 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 8 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है, जो कि इस बार 7 मार्च, मंगलवार को है। वहीं अगले दिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को होली खेली जाएगी। लेकिन होलिका दहन के दिन भद्रा काल रहेगा। ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त अवश्य ही जान लें।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के मुताबिक फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च, सोमवार की शाम 4.17 बजे शुरू होगी और 7 मार्च, मंगलवार की शाम 6.09 बजे समाप्त होगी। दोनों ही दिन प्रदोष काल पूर्णिमा तिथि में होने से लोगों में असमंजस की स्थिति है कि होलिका दहन 6 मार्च को होगा या 7 मार्च को। लेकिन इस वर्ष होलिका दहन की तिथि पर सुबह के वक्त भद्रा रहने के कारण होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च की शाम 6.24 बजे से रात 8. 51 बजे तक रहेगा। यानी कि करीब सवा घंटे का समय होलिका दहन के लिए रहेगा।
- होलिका दहन तिथि – 07 मार्च 2023, मंगलवार
- होलिका दहन शुभ मुहूर्त- 06 मार्च, 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट से 07 मार्च, 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक
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होलिका दहन की पूजन सामग्री
एक कटोरी पानी, गाय के गोबर से बनी माला, रोली, अक्षत, अगरबत्ती और धूप, फूल, कच्चा सूती धागा, हल्दी का टुकड़ा, मूंग की साबुत दाल, बताशा, गुलाल पाउडर, नारियल, नया अनाज।
होलिका दहन के साथ खत्म होंगे होलाष्टक
वहीं होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक भी समाप्त हो जाएंगे। होलाष्टक 8 दिन के होते हैं जो कि होली से पहले लगते हैं। होलाष्टक के बीच नवग्रह उग्र रहते हैं। इसलिए इस बीच कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस बार 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हुए थे, जो 7 मार्च को होलिका दहन के दिन समाप्त होंगे और इसके बाद एक बार फिर से शुभ कार्य किए जा सकेंगे।