अभाविप का 53 वाँ प्रांत अधिवेशन 31 जनवरी 2021 इदौर में संपन्न हुआ। संयुक्त मध्यभारत- मालवा का अंतिम प्रांत अधिवेशन होने से यह भावनात्मक एवं विभिन्न कारणों से अभूतपूर्व रहा है, इस अधिवेशन में प्रांत के 147 स्थानों से 415 छात्र, 80 छात्रा, 37 शिक्षक सहित कुल 532 प्रतिनिधियों ने सहभाग किया। अधिवेशन के प्रारंभ में प्रातः 845 बजे प्रांत अध्यक्ष प्रांत मंत्री द्वारा धवाजारोहण किया गया तत्पश्चात प्रस्ताविक सत्र आयोजित किया गया जिसमें प्रांत अध्यक्ष योगेश रघुवंशी द्वारा अधिवेशन की भूमिका रखी गयी व प्रांत मंत्री निलेश सोलंकी ने अपने मंत्री प्रतिवेदन को प्रस्तुत करते हुए वर्ष भर किए गए कार्यक्रम, गतिविधियों का ब्यौरा रखते हुए अभाविप कि उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रांत अध्यक्ष एवं मंत्री का निर्वाचन किया गया ।
इस अधिवेशन में दो प्रांत के अलग अलग अध्यक्ष एवं मंत्री निर्वाचित हुए। चुनाव निर्वाचन अधिकारी डॉ. सचिन शर्मा द्वारा नवीन सत्र 2020-21 हेतु प्रांत अध्यक्षा मंत्री की घोषणा की गई। जिसमें मध्यभारत प्रांत अध्यक्ष के रूप में डॉ मनोज आर्य भोपाल एवं प्रांत मंत्री के रूप में सुश्री शालिनी वर्मा ग्वालियर सर्व सहमति से निर्वाचित हुए। एवं मालवा प्रांत अध्यक्ष हेतु योगेश रघुवंशी देवास व प्रांत मंत्री के रूप में घनश्याम सिंह चौहान इंदौर को सर्वसहमति से निर्वाचित किए गए। अभाविप के 53 वें प्रांत अधिवेशन उद्घाटन हेतु मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव एवं अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री गजेंद्र तोमर की विशेष उपस्थिति में अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन किया गया।
अधिवेशन में एक विशेष भाषण भी हुआ जिसे अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपना जीवन यशस्वी नहीं कितु सार्थक जीवन बनाये। आगामी समय में प्रांत के प्रत्येक परिसर में ऐसा वातावरण बनाने के लिए मार्गदर्शन किया है। 53 वें प्रांत अधिवेशन में अखिल भारतीय विदयार्थी परिषद ने शिक्षा क्षेत्र तथा युवाओं से जुड़े विषयों के साथ-साथ राष्ट्रीय महत्व से जुड़े विषयों पर क्रमशः प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य आत्मनिर्भर भारत एवं विश्वविद्यालय इन शीर्षकों से तीन प्रस्तावों को पारित कर इनके माध्यम से महत्वपूर्ण विचार तथा अभाविप की भावी योजनाओं को रखा है।
अभाविप दवारा 53 वें प्रात अधिवेशन में पारित पहला प्रस्ताव ” शैक्षणिक परिदृश्य” के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय विचार केन्द्रित तथा वर्तमान समय की मांग के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने हेतु नीति-नियताओं का अभिनंदन करते हुए एनईपी 2020 के शीघ्र पूर्ण क्रियान्वयन की मांग की है। साथ ही इस प्रस्ताव के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के विदयार्थियों की छात्रवत्ति में वृद्धि करना एवं प्रदेश में रिक्त पड़े पदों पर जल्द नियुक्ति करना साथ ही मध्यप्रदेश राज्य भवन के नेतृत्व में राज्य विश्वविद्यालय की एकीकृत व्यवस्थापन हेतु लागू की गई आई यू एम एस प्रणाली पर रोक लगाने तथा सभी वर्गों के लिए सुलभ शिक्षा व्यवस्था आदि सुनिश्चित करने की मांग की गई।
प्रांत अधिवेशन में पारित ‘राष्ट्रीय परिदृश्य’ शीर्षक दूसरे प्रस्ताव के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को किसान सम्मान निधि को केंद्र सरकार की मदद मिले 6 हजार रूपए के साथ 4 हजार रुपए जोड़ कर 10 हजार रुपए देने एवं लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वतंत्र अधिनियम 2020 विधेयक पारित करने के निर्णय का अभाविप ने स्वागत किया है। तथा प्रदेश में बड़ते हुए नसे के कारोबार पर कड़े कानून बनाने एवं हुक्का बार व पब्स को पूर्ण रूप से बंद करने की भी मांग की गई। ‘आत्मनिर्भर भारत शीर्षक तृतीय प्रस्ताव के अंतर्गत अभाविप ने आत्म निर्भर भारत एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने हेतु विश्वविद्यालय की भूमिका निश्चित करने का आग्रह किया है।
सारी ही विश्वविद्यालयो दवारा इनोवेशन सेल का गठन कर, लघु एवं सूक्ष्म उदयमों को नए पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की माग की जिससे विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रेरित किया जा सके। अभाविप दवारा अधिवेशन में पारित तीन प्रस्तावों को छात्र तथा शिक्षक समुदाय से व्यापक संवाद के बाद अंतिम रूप दिया गया है, ये प्रस्ताव 21वीं सदी के तीसरे दशक की युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है जिनके माध्यम से विविध क्षेत्रों में सुधार की व्यापक संभावनाओं पर कार्य करते देशव प्रदेश को बेहतर करने का संकल्प दिखाई पड़ता है। हम इन प्रस्तावों के माध्यम से उठाए गए मुद्दों पर गभीरता से कार्य करेंगे।” 53 वे प्रांत अधिवेशन के अत में मध्यभारत व मालवा दोनों प्रांत की आगामी वर्ष भर कार्य करने हेतु नवीन प्रांत कार्यकारिणी की घोषणा मध्यभारत प्रांत अध्यक्ष एवं मालवा प्रांत अध्यक्ष दवारा घोषित की गई।