इंदौर : जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में इंदौर और उज्जैन संभाग के जल संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में दोनों संभाग के मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण यंत्री और सभी कार्यपालन यंत्री उपस्थित रहे। बैठक में मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि सिंचाई का रक़बा बढ़ाना हमारा प्राथमिक दायित्व है। साथ ही जल संसाधन विभाग के इन दोनों संभाग में जो भी स्टाप डेम, तालाब बन रहें उनका उचित रख रखाव होना चाहिए।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि मालवा और निमाड़ की जो भी परियोजनाएं शासन स्तर से लंबित है, उन्हें उसकी जानकारी प्रस्तुत की जाए। यदि कोई परियोजना दिल्ली में लंबित है तो वे इसे लेकर स्वयं दिल्ली जाएंगे। बैठक के दौरान मंत्री श्री सिलावट ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे छोटी योजनाओं को प्राथमिकता देते हुये जल्द से जल्द क्रियान्वित करना सुनिश्चित करें।उन्होंने निर्देश दिये कि कई वर्षो पहले बने तालाबों का पुन: अवलोकन कर उनकी वर्तमान क्षमता का आंकलन किया जाये। भू-अर्जन की कार्यवाही जहां भी लंबित है वहां नीतिगत निर्णय लेते हुये तुरंत कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी का समाना ना करना पड़े। मंत्री श्री सिलावट ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि पुरानी परंपराओं को समाप्त कर अब नवीन नवाचार के प्रवाह के साथ विभागीय कार्यों का नया अध्याय शुरू किया जाये।
2021 को सिंचाई विभाग के लिये उपलब्धियों का वर्ष बनाने का संकल्प लेने की हिदायत मंत्री श्री सिलावट ने अधिकारियों को दी। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि किसानों को जल संसाधन विभाग की संरचनाओं का लाभ मिलना चाहिए। जो नहर टूट फूट गई है उनका रख रखाव करने के निर्देश मंत्री श्री सिलावट ने दिये। मंत्री श्री सिलावट ने सिंचाई विशेषज्ञों के साथ मिलकर नई कार्यनिति बनाने का सुझाव भी अधिकारियों को दिया। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि वे शीघ्र ही सभी परियोजनाओं का स्वयं निरीक्षण करेंगे यदि इस दौरान विभागीय अधिकारियों की कोई लापरवाही परिलक्षित होती है तो उचित कार्यवाही भी की जाएगी।