INDORE NEWS: जीएमपीई बैच 2 और 3 का समापन

Rishabh
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इंदौर: दुबई मेंकार्यकारी अधिकारियों के लिए सामान्य प्रबंधन कार्यक्रम (जीएमपीई-बैच 2 और 3) का समापन22 जनवरी, 2021 को आईआईएम इंदौर में हुआ। दुबई में इस कार्यक्रम का संचालन  अनिसुमा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के सहयोग से किया जा रहा है। इसमेंकुल 59 प्रतिभागियों (परिसर में 40 मौजूद रहे) ने प्रमाण पत्र के साथ ही आईआईएम इंदौर एलुमनी स्टेटस भी प्राप्त किया। जीएमपीई-2 नवंबर 2019 में शुरू हुआ और जीएमपीई-3 की शुरुआत फरवरी 2020 में हुई थी ।यह कार्यक्रम आईआईएमइंदौर के निदेशक, प्रोफेसर हिमाँशु राय; प्रोफेसर मनोज मोतियानी, प्रोग्राम डायरेक्टर, जीएमपीई-दुबई और डॉ. महेश चोटरानी, अनिसुमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के संस्थापक निदेशक की उपस्थिति में हुआ ।

INDORE NEWS: जीएमपीई बैच 2 और 3 का समापन

प्रोफेसर राय ने सभी स्नातकों को बधाई दी। उन्होंने ‘FIRE’शब्द के पीछे की अंतर्दृष्टि साझा की। ‘हमें अपने भीतर एक जूनून की ज्वाला जलाने की जरूरत है। ‘Fortitude’पर ध्यान दें – साहसी बनें, धैर्य रखें और परिवर्तनों को अपनाएं । ‘Introspective Reflections’ यानि आत्मनिरीक्षण परावर्तन के लिए समझें कि हमारा उद्देश्य क्या है, जीवन के लक्ष्यों को खोजें और उन चीजों के बीच अंतर करने की क्षमता हासिल करें जो अधिक महत्वपूर्ण हैं और ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं। FIRE में‘E’ यानि Equanimity का अर्थ है समरूपता। विनम्र बने रहें – हमारे पास जो कुछ भी है उसके प्रति कृतज्ञता की भावना रखें और दयावान रहें।

प्रोफेसर मोतियानी ने प्रतिभागियों को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन्हें व्यापार को और भी कुशल तरीके से समझने में मदद करेगा। उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे इस ज्ञान का उपयोग अपनेकार्यस्थल पर करें और जो भी सीखा है उसका प्रसार करें ताकि सहयोगियों को भी इससे फायदा हो।

INDORE NEWS: जीएमपीई बैच 2 और 3 का समापन

आईआईएम इंदौर के अन्य संकाय सदस्यों ने पाठ्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों के प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।इस मौके पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किया गया। विभिन्न प्रतिभागियों ने आईआईएम इंदौर, दुबई कैंपस में अध्ययन के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस प्रोग्राममें दाखिला लेने से न केवल उन्हें अपने कौशल को सुधारने में मदद मिली, बल्कि उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों की भी याद ताज़ा कर दी । धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चोटरानी ने दिया ।