जीवन के सार को समझने के लिए प्रवासी भारतीय सीख रहे गीता का पाठ

Suruchi
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आबिद कामदार

इंदौर। धर्म के मार्ग का अनुसरण करते हुए, कर्म करने की शिक्षा गीता में दी गई है. जीवन की सभी दुविधाओं और समस्याओं का हल गीता में मिलता है. माना जाता है कि गीता की बातों का अनुसरण करने से जीवन बदल जाता है और व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है। इन्हीं सब बातों का ध्यान रखते विदेश में रहने वाले भारतीय गीता की शिक्षा धारण कर रहे है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे लंदन के अजय अग्रवाल बताते है, की वह 20 साल पहले लखनऊ से यूके चले गए थे। वह बताते है, की में एक चार्टेड एकाउंटेंट हूं, और यूके में मेरी अपनी फर्म है, जिसमें लगभग 90 परसेंट लोग भारतीय है।

जीवन के सार को समझने के लिए सिख रहे गीता

जीवन के सार और अपने जीवन में गीता को उतारने के मकसद से में गीता का पाठ चिन्मया मिशन से कर रहा हु। मैं जब भारत में था तब गीता पढ़ता था, लेकिन वहां जाने के बाद व्यस्तता के चलते समय नहीं दे पा रहा था। लेकिन अब दोबारा लगभग दो साल से में गीता का पाठ करना सिख रहा हु।

शूरुआत में देश को मिस किया अब कई भारतीय परिवार है अपनेपन के लिए जब शुरुआत में हम यहा से गए थे तो देश और अपने लोगों को बहुत याद आती थी। लेकिन अब वहा पर कई परिवार बस गए है, हम सब साथ रहते है, और हमारे कई ग्रुप है।

भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए करते है कई आयोजन

भारतीय संस्कृति की खुबसूरती और लोगों को इससे अवगत करवाने के मकसद से हम वहां पर कई आयोजन करते है, जिसमें संस्कृतिक, धार्मिक, और अन्य आयोजन किए जाते है। वहीं हम हिंदी और संस्कृत को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजन करते है।

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