केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार गांव-गरीब-किसान को आगे बढ़ाने और उनका जीवन बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है। देश की साख दुनिया के राजनीतिक मंच पर बढ़ाने, मेक इन इंडिया के विस्तार, विरासत को सहेजने व भारत माता को परम वैभव के श्खिर पर पहुंचाने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी लगातार प्रयत्नशील हैं। पीएम के नेतृत्व में गरीबों को मुख्य धारा में लाने, गैर-बराबरी समाप्त करने की दिशा में योजनाबद्ध ढंग से ऐतिहासिक कार्य हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात आज पुणे में महाएफपीसी की आठवीं सर्वसाधारण सभा में मुख्य अतिथि के रूप में कही। तोमर ने कहा कि किसी भी देश की विकास यात्रा तब तक पूरी नहीं हो सकती, जब तक उस देश का गरीब गैर-बराबरी से मुक्त नहीं होता। देश में इसी तरह के हालात थे, लगभग आधी आबादी के बैंक खाते नहीं थे। करोड़ों परिवारों के पास शौचालय नहीं थे, बिजली नहीं थी, रसोई बनाने के लिए गैस सिलेंडर नहीं थे, रहने के लिए छत नहीं थी। इन असमानताओं को दूर करने का बीड़ा प्रधानमंत्रीजी ने उठाया। पीएम आवास योजना में गरीबों के घर बनाए जा रहे हैं। हर घर शौचालय, जन-धन खाते, सौभाग्य योजना के तहत बिजली और उज्जवला योजना के माध्यम से हर घर में रसोई गैस सिलेंडर और गांव-गांव खाद्यान्न पहुंचाया जा रहा है। वहीं, गरीब परिवारों की लाखों बहनों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका उपलब्ध कराकर गैर-बराबरी को समाप्त करने का काम किया जा रहा है।
तोमर ने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी होना चाहिए। इस दिशा में केंद्र व राज्य सरकारों के साथ ही एफपीओ तथा कृ़षि से सम्बद्ध अन्य सभी संगठनों ने मिल-जुलकर काम किया, जिसका लाभ आज देश के किसानों को मिल रहा है। लाखों किसानों की आय दोगुनी से आगे बढक़र पांच से दस गुना तक भी हुई है। तोमर ने कहा कि देश में पहली बार ऐसी कोई योजना बनी, जिसमें किसानों का नाम सम्मान से जोड़ा गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम- किसान) योजना अंतर्गत अभी तक साढ़े 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 2 लाख करोड़ रु. से अधिक राशि जमा कराई जा चुकी है। योजना में 22.5 करोड़ रु. महाराष्ट्र के किसानों को मिलते हैं। फसल बीमा योजना का लाभ सभी किसानों को नहीं मिल रहा था, जिसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई,आज इससे देशभर में करोड़ों किसान जुड़े हुए हैं। महाराष्ट्र में 50 लाख से अधिक किसान इस योजना में कवर किए गए हैं। देश में इस योजना के माध्यम से 1.22 लाख करोड़ रु. क्लेम के रूप में किसानों के नुकसान की भरपाई की गई है।
उन्होंने कहा कि खेती के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर जुटाने को सरकार ने एक लाख करोड़ रु. का एग्री इन्फ्रा फंड बनाया है। इसके सहित डेढ़ लाख करोड़ रु. के पैकेजों की व्यवस्था गांवों में कृषि व सम्बद्ध कार्यों के लिए की गई है। एग्री इन्फ्रा फंड से 14 हजार करोड़ रु. के प्रोजेक्ट स्वीकृत भी हो गए हैं। आने वाले दिनों में इसका लाभ किसानों को मिलेगा। श्री तोमर ने कहा कि देश में 86 फीसदी छोटे किसान हैं, जिनकी ताकत बढ़ाने के लिए 10 हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं। किसानों को हर आवश्यक सुविधा मिलें, इस दिशा में सरकार प्रयत्नशील है। किसानों को परिवहन सुविधा व अच्छा दाम मिले, इसके लिए काम करने की जरूरत है। डिजिटल कृषि पर काम चल रहा है। यह जब पूरा होगा तो कृषि क्षेत्र में दिखने वाला असंतुलन खत्म होगा, पारदर्शिता आएगी व भाव में असंतुलन को पाटा जा सकेगा। साथ ही किसानों को तकनीक ,जलवायु आदि के बारे में सलाह दी जा सकेगी। प्रारंभ में महाएफपीसी एमडी योगेश थोरात ने स्वागत किया।