अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन किए जाने के बाद से शुरू हो गया है। मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी तरह से भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या का कायाकल्प करने का मन बना लिया है। बता दे, बीते दो दिनों से राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक जारी थी, जो अब संपन्न हो गई है। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए है।
वहीं इस बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि राम मंदिर की नींव का काम किस तरह से शुरू होगा और कैसे इसे पूरा करना है इसको लेकर इस बैठक में चर्चा की गई। कहा जा रहा है कि जल्द ही उच्च तकनीकी विशेषज्ञों से राम मंदिर की नींव का काम कैसे करना है इसकी रिपोर्ट मिलने वाली है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 दिसंबर के बाद कभी भी काम रफ्तार पकड़ सकता है।
जी हां नींव का काम शुरू होने से पहले निर्माण समिति ने टाटा कंसल्टेंसी और L&T के विशेषज्ञों के साथ चर्चा की थी, ताकि आगे चलकर काम में कोई बाधा ना आए। जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में बालू की मात्रा अधिक है क्योंकि अयोध्या सरयू के किनारे बसा है। जिसकी वजह से नींव को लेकर काफी ध्यान से काम लिया जा रहा है। बता दे, इस मंदिर को कुल 67 एकड़ भूमि में बनाया जा रहा है। ये राम जन्मभूमि के तौर पर जानी जाती है। इस मंदिर के बाहर भी राम मंदिर के अनुरूप ही विकास कार्य होगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भव्य राम मंदिर, भव्य हवाई अड्डे की तह पर भव्य रेलवे स्टेशन के निर्माण का भी फ़ैसला लिया है। इसी के साथ ही जानकारी मिली है कि योगी सरकार अयोध्या में जल्द बनने वाले रेलवे स्टेशन का नाम अयोध्या धाम स्टेशन रखा जा सकता है। जिस तर्ज पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, सरकार उसी तर्ज पर रेलवे स्टेशन के निर्माण की भी मंजूरी दे सकती है। रेलवे स्टेशन में कुल 104 करोड़ रु खर्च होंगे। अयोध्या रेलवे स्टेशन को देशभर के धार्मिक रेलवे स्टेशनों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए कई नई ट्रेन शुरू करने की भी योजना है, जबकि कुछ ट्रेन के रूट डायवर्ट करने की संभावना जताई जा रही है।