श्रीलंका के बाद बांग्लादेश पर बड़ा आर्थिक संकट मंडरा रहा हैं। बढ़ती महंगाई के चलते सरकार ने जनता पर एक ओर बोझ डोने बढ़ा दिया है, बीती रात पेट्रोल-डीजल के दमों में 51.7 प्रतिशत की वृध्दी कर दी हैं। देश के इतिहास में फ्यूल के दाम में इसे सबसे बड़ी वृद्धि बताई जा रही है। पहले से ही महंगाई झेल रही जनता पर इस तरह दोहरी मार पड़ी है।
रात 12:00 बजे से लागू हुई नई कीमतों के अनुसार एक लीटर ऑक्टेन की कीमत अब 135 टका हो गई है, जो 89 टका की पिछली दर से 51.7 प्रतिशत अधिक है। बांग्लादेश में अब एक लीटर पेट्रोल की कीमत अब 130 टका है, यानी कि बीती रात से इसमें 44 टका या फिर 51.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय ने फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बयान जारी किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम में हुई वृद्धि के चलते यह फैसला हुआ है। कम दाम पर ईंधन बेचने की वजह से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPC) को फरवरी से जुलाई के बीच 8,014.51 टका का नुकसान हुआ है। मंत्रालय की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इंटरनेशनल मार्केट में फ्यूल की कीमत बढ़ने से भारत समेत कई देश पहले ही यह फैसला ले चुके हैं।
इस वजह से बढ़े दाम
बांग्लादेश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के प्रयासों के बीच विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) से 2 अरब डॉलर की मांग कर रहा है। बांग्लादेश की 416 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वर्षों से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रही है। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ती ऊर्जा और खाद्य कीमतों ने इसके आयात बिल और चालू खाते के घाटे को बढ़ा दिया है।
रिपोर्ट में इससे जुड़े लोगों का हवाला देते हुए कहा कि, सरकार ने एडीबी और विश्व बैंक को चिट्ठी लिखकर 1 अरब डॉलर की मांग की है। वहीं पिछले हफ्ते ही IMF ने कहा कि वह बांग्लादेश के कर्ज मांगने के अनुरोध को लेकर चर्चा करेगा। बांग्लादेशी मीडिया ने कुछ दिन पहले ही एक रिपोर्ट में बताया था कि देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 4.5 अरब डॉलर चाहता है, जिसमें बजटीय और भुगतान संतुलन सहायता शामिल है। बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग, चीन के बाद दुनिया का नंबर 2 निर्यातक है। फैशन ब्रांड टॉमी हिलफिगर की कंपनी पीवीएच कॉर्प और इंडिटेक्स एसए की ज़ारा के आपूर्तिकर्ता प्लमी फैशन लिमिटेड ने जुलाई में मिले नए ऑर्डर पिछले साल तुलना में 20% कम है।