अमेरिकी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी एचडीटी बायो कॉर्प (American biopharmaceutical company HDT Bio Corp) ने वाशिंगटन की संघीय अदालत में पुणे स्थित एमक्योर के खिलाफ हाल ही में मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी पर एक नई कोविड वैक्सीन (Corona Vaccine) के व्यापार रहस्य ‘चोरी’ का आरोप लगाया गया है। कहा जा रहा है कि पुणे की इस कंपनी ने उस नई वैक्सीन तकनीक को चुरा कर बनाया है।
दरअसल, कंपनी ने भारत में बनाने और बेचने के लिए एमक्योर की सहायक कंपनी जेनोवा को लाइसेंस दिया था। इसको लेकर अमेरिकी कंपनी ने बताया है कि उनकी नई वैक्सीन लक्षित कोशिकाओं को प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले आरएनए को पहुंचाने के लिए लिपिड इनऑर्गेनिक नैनोपार्टिकल फॉर्मूलेशन (Lipid InOrganic Nanoparticle-LION) का इस्तेमाल किया जाता है।
Must Read : Bank Holidays : अप्रैल में इतने दिन बंद रहेगी बैंक, देखे अलग-अलग राज्यों के अवकाश की लिस्ट
ऐसे में एचडीटी बायो ने पिछले 2 साल पहले जुलाई 2020 में जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स के साथ मिल कर एक समझौता किया था। ये समझौता कोरोना वैक्सीन को संयुक्त रूप से डेवेलप करने के लिए मैसेंजर या एमआरएनए तकनीक (messenger or mRNA technology) का उपयोग करने के लिए ये किया। इसको लेकर एमक्योर के प्रवक्ता ने कहा है कि लाइसेंस समझौता, जो मुकदमे का विषय है, जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स और एचडीटी के बीच है। ऐसे में एमक्योर फार्मा का इससे कोई संबंध नहीं है।
दरअसल, हमें गलत तरीके से मुकदमे में एक पार्टी के रूप में शामिल किया गया है। अब कंपनी जरुरी कदम इन दावों को खत्म करने के लिए उठा रही है। दरअसल, कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि हमारा कहना है कि इस मुकदमे में कोई कानूनी आधार नहीं है। उन्होंने ये भी कहा है कि कंपनी द्वारा समझौते के किसी भी दायित्व या कानून के प्रावधानों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। ऐसे में अब हम इस तरह के तुच्छ मुकदमे का सख्ती से बचाव करेंगे।