कोरोनावायरस महामारी ने पूरे विश्व में लोगों को प्रभावित किया है। हर रोज़ सैकड़ों लोग इस बीमारी से लड़ते हुए अपनी जान गवां रहे है जिससे परिवारों पर बहुत बुरा असर हो रहा है, ख़ास तौर पर उन परिवारों के लिए जहां दिवंगत व्यक्ति परिवार का इकलौता कमाने वाला व्यक्ति हो। साधारण लोगों के लिए सावधानियां बरत कर खुद को इस बीमारी से बचाए रखना संभव है, लेकिन कोरोना योद्धाओं के लिए हर दिन जोखिमों से भरा हुआ होता है, ताकि वह इस भयावह बीमारी से लड़ने में हमारी मदद कर सकें।
108 एम्बुलेंस के पायलट और ईएमटी स्टाफ भी इन्ही कोरोना फ्रंटलाइन योद्धाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो दिन-रात पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ लोगों की जान बचाने में और इस महामारी से लड़ने में लगे हुए हैं। पिछले एक साल से 108 एम्बुलेंस की टीम कई कोरोना संक्रमित मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।
जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड श्री जितेंद्र शर्मा ने बताया, “ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड में हम हमारे स्टाफ का हर परिस्थिति में साथ देते हैं, क्यूँकि हमारे यही कर्मचारी हमें हमारे जनसेवा और जीवन रक्षा के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करते है। हमारी 108 एम्बुलेंस की टीम स्वास्थ्य संबंधी हर आपातकालीन परिस्थिति में लोगों की जान बचाने और उन्हें सुरक्षित अस्पताल ले जाने में एक महती भूमिका निभाती है।
इसीलिए ये हमारा फ़र्ज़ और कर्तव्य है की हम हमारे कर्मचारियों का हर परिस्थिति में साथ दें। हम हमारे टीम के सदस्यों की कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण के लिए हमेशा उनके आभारी हैं। हम मध्यप्रदेश शासन और राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के भी आभारी हैं जिनके सहयोग से ही हम लोगों की सहायता कर पा रहे हैं। हम हमारी पूरी टीम को अपना ही परिवार मानते हैं और इसी भावना के साथ हमने हमारे कर्मचारी और दिवंगत कोरोना योद्धा श्री संजय मंडलोई को आर्थिक मदद प्रदान की है।”
108 एम्बुलेंस में कोविड संक्रमण रोकने के लिए पूरी सावधानी बरतने के बावजूद भी टीम के कुछ सदस्य इस बीमारी से ग्रसित हुए हैं। ऐसे ही कोरोना योद्धाओं में इंदौर के 43 वर्षीय संजय मंडलोई भी थे जिनकी कोरोना बीमारी के चलते 1 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो गयी। एक बेहद कर्मठ और प्रतिबद्ध कर्मचारी रहे संजय मंडलोई की कोरोना जांच रिपोर्ट 28 मार्च 2021 को पॉजिटिव आयी थी जिसके बाद इलाज के दौरान इंदौर के ही एमजीएम हॉस्पिटल में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु उनके परिवार के लिए एक बड़ा आघात था क्यूंकि वे परिवार की कमाई का इकलौता जरिया थे।
स्व. मंडलोई को बचाने के अथक प्रयास किये गए, लेकिन कोरोनावायरस बीमारी ने इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया।
स्व. मंडलोई अक्टूबर 2016 से ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड से बतौर एम्बुलेंस पायलट जुड़े हुए थे और विगत चार सालों से निरंतर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे। उनके बाद उनके परिवार में उनकी माँ, उनकी पत्नी, उनके दिवंगत बड़े भाई की पत्नी, और एक बेटा है जिनके ऊपर मंडलोई के जाने के बाद एक बड़ा आर्थिक संकट भी आ गया था।
परिवार की कठिनाई को समझते हुए और उनकी हर संभव मदद करने के उद्देश्य से ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड ने तुरंत उनके परिवार को 50,000 रुपये की अनुदान राशि अपने सहायता कोष से प्रदान की। हालांकि परिवार के सदस्य के गुज़र जाने की क्षतिपूर्ति किसी भी आर्थिक सहायता से पूर्ण नहीं की जा सकती फिर भी ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा यह सहायता परिवार को संबल प्रदान करने की दृष्टि से की जा रही है।
आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही, कंपनी द्वारा राज्य शासन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्र के माध्यम से यह अपील भी की गयी है की दिवंगत कोरोना योद्धा के परिवार को ‘कोरोना करमवीर’ योजना के तहत 50 लाख रुपये की राशी प्रदान की जाये। इसके अलावा, ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा यह भी प्रयास किया जा रहा है की स्व. मंडलोई के फुल एंड फाइनल सेटलमेंट की लगभग 49,700 रुपये की राशी और साथ ही उनके पीएफ और ईएसआईसी क्लेम की करीब लगभग 3.5 लाख रुपये की राशी का भुगतान उनके परिवार को जल्द से जल्द हो जाए। इसके साथ ही स्व. मंडलोई का परिवार एम्बुलेंस एक्सेस फॉर ऑल फाउंडेशन की तरफ से एक लाख रुपये की राशि पाने के पात्र है, जिसके लिए ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा उचित कदम उठाये जा रहे हैं।
ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैय्या कराने के क्षेत्र में कार्यरत अग्रिम संस्थान है जो पिछले कई वर्षों से मध्यप्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा संचालित कर रही है। इसके तहत पूरे मध्यप्रदेश में 606 एम्बुलेंस संचालित की जा रही है, जिनमें 76 एम्बुलेंस सिर्फ कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही हैं बाकी की 530 एम्बुलेंस अन्य आपातकालीन स्थिति में सेवाएं दे रही हैं जैसे कि प्रेगनेंसी, हार्ट अटैक, एक्सीडेंट आदि। ये अन्य 530 एम्बुलेंस भी आवश्यकता होने पर कोरोना मरीजों को अस्पताल ले जाने का कार्य करती हैं। पिछले एक साल से 108 एम्बुलेंस की टीम कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता से सेवा कर रही है।