इंदौर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने बीते दिन ही साथ दिन का लॉकडाउन लगाया है। ऐसे में अब इस लॉकडाउन का व्यापारी लोग विरोध कर रहे है क्योंकि इन्हें आशंका सता रही है कि ऐनवक्त पर निर्णय बदलने वाला प्रशासन लाकडाउन की अवधि इसी तरह आगे और भी बढ़ा सकता है। जी हां, शनिवार के दिन शिवराज सरकार की क्राइसेस मेनेजमेंट वालों के साथ बैठक थी जिसमें इस बात का निर्णय लिया गया है। हालांकि इस पर आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य और पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे ने यह आश्वासन दिया है कि 19 अप्रैल के बाद लाकडाउन को नहीं बढ़ाया जाएगा।
बता दे, मुख्यमंत्री और प्रशासन की ओर से पहले मात्र शनिवार और रविवार को ही लाकडाउन रखने की घोषणा की गई थी। शनिवार और रविवार पहले से घोषित हैं। ऐसे में 19 अप्रैल तक शहर में गतिविधियां बंद रखी जा सकेंगी। 19 अप्रैल तक लाकडाउन इसलिए किया जा रहा है कि शहर में महामारी के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए आपात व्यवस्थाएं जुटाई जा सकें। दरअसल, 19 अप्रैल तक के घोषित लाकडाउन के खिलाफ व्यापारियों ने विरोध भी शुरू कर दिया है।
इसको लेकर, अहिल्या चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने बताया है कि व्यापारी लाकडाउन के कदम का समर्थन नहीं करते। लाकडाउन बीमारी का इलाज नहीं है। इसके बजाय सरकार को शारीरिक दूरी मास्क जैसे नियमों के पालन पर जोर देना चाहिए या फिर सरकार लाकडाउन में होने वाले नुकसान का हर्जाना प्रभावित लोगों को दे। लाकडाउन में मात्र व्यापार का नुकसान नहीं होता है अपितु व्यापारियों को कर, बिजली व लोन चुकाने की दोहरी मार झेलनी पड़ती है। कई लोगों का रोजगार लाकडाउन से छिन जाता है।