बिहार की राजनीति का पलटी का दौर एक बार फिर सक्रिय हो गया है। सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ कर एक बार फिर भाजपा गुट के NDA गठबंधन में शामिल हो गए है। आज नीतीश कुमार राज्यपाल से मिल कर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। शाम 5 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं भाजपा के तरफ से दो उपमुख्यमंत्री के की डील पूरी हो गई है और सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को बनाया गया है। इस बीच सम्राट चौधरी द्वारा लिए गए प्रण की चर्चा हो रही है। अब उनके प्रण का क्या होगा?
दरअसल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अपने सिर पर पगड़ी बांध कर एक प्रण लिया था।(बिहार के लोग पगड़ी को मुरैठा कहते हैं.) बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने विधानसभा के मुहाने पर ये ऐलान किया था कि वह जबतक नीतीश कुमार को बिहार के सीएम पद की कुर्सी से हटाएंगे नहीं तब तक अपनी पगड़ी खोलेंगे नहीं।
सम्राट डिप्टी सीएम बनाए जाने की वजह
जानकारों की माने तो सम्राट चौधरी बिहार में बीजेपी का बड़ा पिछड़ा चेहरा हैं। देश में अभी पिछड़ा-अति पिछड़ा की राजनीति हो रही है। इसलिए बीजेपी सम्राट को नाराज नही की है। वही लोकसभा चुनाव के नजर से देखें तो बिहार में लोकसभा चुनाव के पिछले प्रदर्शन को दोहराने के लिए बीजेपी को नीतीश कुमार की जरूरत है। इसलिए यह गठबंधन में शामिल हुए हैं ।
आपको बता दें कुछ माह पहले ही बिहार विधान परिषद की कार्यवाही चल रही थी। इस दौरान नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी के सिर पर बंधी पगड़ी को लेकर सवाल किया। इसे क्यों पहनते हैं? तब सम्राट चौधरी ने जवाब दिया था आपको मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद ही मैं पगड़ी खोलूंगा।इसमें आपका भी आशीर्वाद चाहिए. नीतीश कुमार तब मुस्कुराने लगे थें । वही इस बात को लेकर सवाल उठने लगे है। क्या जो आर्शीवाद मांगा था और नीतीश कुमार का मुश्कुराना कुछ इसी ओर इशारा था ।
राजनीति में कोई स्थाई दोस्त-दुश्मन नहीं
राजनीति में कोई स्थाई दोस्त-दुश्मन नहीं होता है और ना कोई प्रतिज्ञा,भीष्म प्रतिज्ञा। यह समय-समय पर या कहें मौके की नजाकत को देखकर बदलते रहते हैं। जिस लालू यादव का विरोध कर नीतीश बिहार की सत्ता में आए उसी लालू यादव के साथ सत्ता के लिए साथ हुए। नीतीश कुमार ने भी तो कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. सम्राट की पगड़ी का भी कोई खास असर नही होगा ।