कब है कन्या संक्रांति, इस विधि से पूजा करने से होगी अक्षत पुण्य की प्राप्ति, जानें महत्व

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कन्या संक्रांति इस साल 17 सितंबर शुक्रवार को है। पंचाग के अनुसार हर साल 12 संक्रांति मनाई जाती हैं। कन्या संक्रांति इनमें से एक है। हिन्दू धर्म में संक्रांति पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्य देव की आराधना करने का विधान है। कन्या संक्रांति तिथि स्नान, दान आदि धार्मिक कार्यों के लिए बेहद लाभदायक मानी गई है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन पूजा करना फायदेमंद माना गया है। कन्या संक्रांति पर विश्वकर्मा पूजन भी किया जाता है जिस वजह से इस तिथि का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है।

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इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। ज्योतिष विज्ञान में सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। सूर्य हर माह अपनी राशि बदलते हैं। इस प्रकार एक वर्ष में सूर्य इन 12 राशियों में चक्कर लगाते हैं जिस कारण एक साल में 12 सक्रांति आती हैं। कन्या राशि में बुध देव पहले से मौजूद हैं जिससे कन्या संक्रांति के दिन सूर्य और बुध का मिलन होगा और दोनों इस राशि में बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे।

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कन्या संक्रांति पूजा विधि:
धार्मिक मान्यता है कि कन्या संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले उठा जाता है। इस दिन सुबह स्नान के समय पानी में तिल मिलाकर नहाना चाहिए। कहते हैं कि इस दिन किसी नदी आदि में स्नान करना ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन नदी में स्नान करके पुण्य फल की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन दान का विशेष महत्व है. इतना ही नहीं, एक तांबे के लोटे में जल लेकर लाल फूल, चंदन, तिल और गुड़ सूर्यदेव को जल चढ़ाना चाहिए। जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का स्मरण करना चाहिए. इस दिन आटा, चावल, खिचड़ी और तिल के लड्डू का दान शुभ माना जाता है।

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कन्या संक्रांति का शुभ मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त: 17 सितंबर 2021 सुबह 06:17 से दोपहर 12:15 तक
महापुण्य काल मुहूर्त: 17 सितंबर 2021 सुबह 06:17 से 08:10 तक
कन्या संक्रांति पर सूर्योदय: 17 सितंबर 2021 सुबह 06:17
कन्या सक्रांति पर सूर्यास्त: 17 सितंबर 2021 शाम 06:24

कन्या संक्रांति 2021

कन्या राशि पर सूर्य का प्रभाव
कन्या राशि के जातकों का समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। जॉब में प्रमोशन मिल सकता है। इस अवधि में आपको शुभ समाचार मिलने की संभावना है। अन्य क्षेत्र में भी सुखद नतीजे मिलेंगे। नई जॉब की तलाश कर रहे जातकों को लाभ मिल सकता है। वैवाहिक जीवन के लिए सूर्य का आपकी राशि में आना बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है। जीवनसाथी से विवाद की स्थिति बन सकती है। इसलिए विशेष ध्यान रखें।

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कन्या संक्रांति पूजा के लाभ
धार्मिक मान्यता है कि कन्या संक्रांति के दिन पूजा करना शुभ माना गया है। इस दिन विश्वकर्मा भगवान की भी पूजा की जाती है। जो कि व्यापारियों के लिए अच्छी मानी जाती है। इस दिन औजारों को पूजा में शामिल किया जाता है। कन्या संक्रांति के दिन पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है। लोगों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। कन्या संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।