वास्तुशास्त्र कई प्रकार का होता है बहुत से लोग इस पर विश्वास करते है और बहुत से नहीं भी लेकिन असल जिंदगी में वास्तु की मान्यता आज से नहीं वैदिक काल से ही है। जिसमे मनुष्य के हर कर्म को करने से पहले उसके वास्तु का ध्यान दिया जाता था। आज के समय में कोई माने या न माने लेकिन वास्तुशास्त्र हमारे जीवन को लगभग हर तरह से प्रभावित करता है। आज के दौर में नौजवान लड़के लड़किया जिनकी शादियो में विलम्ब हो रहा है तो मुमकिन है कि इसके लिए उसके घर का वास्तु जिम्मेदार हो। ऐसे में आप अपने घर में दिशा और दशा से जुड़ी छोटी-छोटी चीजों में सुधार करके कोई भी व्यक्ति अपनी शादी में आने वाली अड़चनों को दूर कर सकता है। जानिए क्या है वो खास बाते जिनसे दूर होगी आपकी अड़चने और आपको भी मिलेगा अपना बेहतर जीवनसाथी।
जिनकी शादी में कई प्रकार की अड़चने आ रही है, वास्तुशास्त्र के मुताबिक विवाह योग्य लड़के-लड़कियों को कभी भी दक्षिण या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं सोना चाहिए। यदि आप ऐसा करते है तो यह भी एक कारण हो सकता है की आपकी शादी में विलम्ब आ रहे हो। ऐसा करने से विवाह के अच्छे रिश्ते नहीं आते हैं और कोई ना कोई रुकावट आती रहती है। इसमें सुधार करने के लिए आप घर के उत्तर पूर्व में सोना शुरू कर देना चाहिए।
जब भी कोई अपने विवाह की बात करने या लड़की से बात करते है तो आपके चेहरे की दिशा का भी ध्यान रखे। ऐसा करने से जब भी आप किसी से विवाह की बात करें तो अपना चेहरा पूर्व की तरफ रखें। और तीसरी और महत्वपूर्ण बात आप काले रंग के कपड़े ना पहनें जब भी विवाह की बात करने जाये तो जितना हो सके पीला या लाल रंग पहनें क्योकि यह कलर काफी शुभ मने जाते है। दरअसल, काला रंग शनि, राहु और केतु, तीनों को दर्शाता है। वास्तुशास्त्र के मुताबिक विवाह के लिए आने वाले लोगों के सामने काले रंग के कपड़े पहनने से रिश्तों में दिक्कत पैदा होती है। वहीं, वनस्पति पीला या हल्के गुलाबी रंग के कपड़े पहनने से विवाह जल्दी पक्का हो जाता है।
शादी में रुकावट की एक और वजह है आपके सोने का स्थान अगर आप बिना किसी खिड़की या दरवाजे वाले कमरे में सोते है तो आपको ऐसे कमरे में सोना चाहिए, जिसमें एक से अधिक दरवाजे और खिड़कियां हों। और ऐसे कमरों में नहीं जहां हवा और रोशनी का प्रवेश कम हो, साथ ही ऐसे कमरे में भी नहीं सोना चाहिए जहां ज्यादा अंधेरा या सिर पर छत की बीम हो। साथ ही विवाह योग्य लड़के-लड़की का कमरा वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में होने से विवाह में आने वाली अड़चनों के दूर होने की संभावना होती है।