देश के उपराष्ट्रपति नायडू ने बीते दिन एक बड़ा बयान दिया है। शनिवार को नेताजी की जयंती पर एक कार्यक्रम को सम्बोधते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद का मतलब सिर्फ जय हिंद कहना या ‘जन गण मन’ या ‘वंदे मातरम’ गाना नहीं है। ‘जय हिंद’ का अर्थ समझाते हुए उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब होता है कि हर हर भारतीय की जय हो है, और यह जब ही संभव है जब देश के हर एक नागरिक को ठीक से खाना मिलता हो, वो कपड़े पहनें और भेदभाव का सामना न करें और साथ ही उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जाए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आगे कहा कि ‘राष्ट्र’ का मतलब किसी प्रकार की भौगोलिक सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र में सब कुछ है, उनका कल्याण, राष्ट्रवाद है। नायडू ने आगे कहा कि हमारे देश कि एक शानदार सभ्यता है जो एक-दूसरे की देखभाल करने और समस्याओं को साझा करने का प्रतीक है। हमारे पूर्वजों ने हमें सिखाया कि कि पूरा ‘विश्व एक परिवार है।’
नायडू ने युवाओं से आग्रह किया कि उन्हें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेना चाहिए। और इसके साथ युवाओं को देश और समाज से गरीबी, अशिक्षा, सामाजिक व लैंगिक भेदभाव और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों को हटाने के लिए आगे आकर काम करें। हैदराबाद में तेलंगाना सरकार के एमसीआर मानव संसाधन विकास संस्थान में बुनियादी पाठ्यक्रम में शामिल प्रशिक्षु अधिकारियों को बोस की जयंती पर संबोधित कर रहे थे।