साल 2020 में कोरोना की पहली लहर ने जितनी तबाही नहीं मचाई थी उससे कई गुना ज्यादा कोरोना की इस दूसरी लहर ने मचाई है, इस साल पिछले के मुकाबले संक्रमितों की संख्या ने भी सारे रिकॉर्ड तोड़े है, ऐसी स्थिति बन गई थी की अस्पतालों में जगह नहीं दूसरी ओर दवाइयों की किल्ल्त, ऑक्सीजन की कमी से मर रहे लोग लेकिन अब धीरे धीरे इसका प्रकोप कम होता न नजर आ रहा है, कई राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या अब काम हो गई है, ऐसे में एक और बड़ी खबर आई है कि इस वायरस से संक्रमित होने वालो के इलाज में उपयोग किया जाने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन को कोरोना इलाज के प्रोटोकॉल से हटाया जा सकता है।
बता दें कि इससे पहले यह एलान भी हो गया है कि अब से कोरोना के इलाज में प्लाजमा थैरिपी को कोविड मरीजों के इलाज के प्रोटोकॉल से हटा दिया गया है, जिसके बाद अब ये रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी हटाया जा सकता है। लेकिन जब यह महामारी का प्रकोप बढ़ रहा था उस समय इस इंजेक्शन को लेकर पुरे देश भर में मारा-मारी चल रही थी, लेकिन अचनाक आ रही यह खबर काफी चौका देने वाली है।
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साथ ही गंगाराम अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस राणा ने भी यह कहा है कि ‘रेमडेसिविर इंजेक्शन को कोरोना के इलाज प्रोटोकॉल से हटाने पर विचार किया जा रहा है, कोरोना के इलाज में इस इंजेक्शन के असर के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, प्लाजमा थैरिपी को पहले ही कोरोना इलाज के प्रोटोकॉल से हटाया जा चुका है, अब रेमडेशिविर के साथ भी ऐसा हो सकता है।’