भारतीय इतिहास ने हमें वह अनगिनत महिलाओं की गौरवशाली कहानियाँ दी है जिन्होंने अपने शौर्य और साहस से सम्राटों के साथ खड़े होकर देश की उन्नति में योगदान किया। इस लेख में, हम कुछ ऐसी राजा-रानियाँ की कहानियाँ बताएंगे।
रानी पद्मावती
राजपूताना की रानी पद्मावती का नाम सिंहासन सियारों के साथ जुड़ा है। उनका अनूठा सौंदर्य और अपने प्रेम के लिए उनकी प्राणों की क़ीमत चुकाने वाले प्राणी अलाउद्दीन ख़िलजी के खिलफ़ उनकी ज़िद से भरपूर थी। रानी पद्मावती की इस उलझन भरी कहानी ने भारतीय साहित्य और सिनेमा को प्रेरित किया है।
रानी लक्ष्मीबाई
मराठा साम्राज्य की रानी लक्ष्मीबाई, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा स्रोत रही हैं। उन्होंने झाँसी की चाबी को स्वतंत्रता संग्राम के पथ में उपयोग किया और अपने योद्धाओं के साथ दिल्ली के बाहर लड़ा।
रानी चेन्नाम्मा
आंध्र प्रदेश की रानी चेन्नाम्मा ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ़ लड़ते हुए अपने गुरिल्ला युद्ध कौशल से अपने क्षेत्र को स्वतंत्रता दिलाने के लिए कठिनाइयों का सामना किया।
रानी पादमिनी
मेवाड़ की रानी पादमिनी ने अपनी सुंदरता और वीरता के साथ अपने पति महाराणा रतन सिंह के साथ खिलजी सम्राट अलाउद्दीन ख़िलजी के खिलाफ लड़ते हुए भारतीय इतिहास में अपना स्थान बनाया।
रानी जींदन
सिख धर्म के महाराजा रणजीत सिंह की रानी जींदन ने अपनी प्रेरणा और साहस से अंग्रेजों के खिलाफ लड़ा और पंजाब के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया।
इन महिलाओं के साहस, शौर्य, और समर्पण की कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि महिलाएँ भारतीय समाज और इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्से रही हैं, और उनका योगदान हमारे समृद्धि के पीछे महत्वपूर्ण है।