रूस यूक्रेन के बीच जारी युध्द को दो वर्ष हो चुके है. इस युध्द में पश्चिमी देशों का यूक्रेन के तरफ झुकाव रहा है. युध्द में अमेरिका समेंत कई यूरोपीय देशों ने हथियार से लेकर कूटनीतिक सहयोग किया है. युध्द शुरू होते ही अमेरिका सहित सभी देशों ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. वहीं युध्द के दूसरी वर्षी पर बाइडन सरकार ने 500 से अधिक आर्थिक प्रतिबंध लगाए है.
बता दें इसको लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान किया. अमेरिका ने रूस के खिलाफ 500 से ज्यादा नए प्रतिबंधों की वजह रूस का यूक्रेन पर हमला और विपक्षी नेता नवलनी की मौत को माना जा रहा है. अमेरिका के इस कदम से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है. अमेरिका ने प्रतिबंधों के लिए 200 पन्नों की लिस्ट जारी की है. गौर करने वाली बात यह है कि इस लिस्ट से कंपनियां और मेटल सेक्टर, ज्यादा एनर्जी रिलेटेड पनिशमेंट और बैंकों रिलेटेड सेक्टर्स ने नाम गायब हैं.
वहीं विशेषज्ञों की माने तो यह वास्तव में रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाएगा ही, साथ ही अमेरिका की अर्व्यवस्था को भी इससे झटका लग सकता है. प्रतिबंधों में विदेशी बैंट भीशामिल हो सकते हैं, जो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में लिए टेक्नोलॉजी और मैटिरियल की खरीद में मदद करते हैं. साथ ही ये बैंक रूस की मदद यूरेनियम और एल्यूमीनियम और निकल जैसी धातुओं के व्यापार में भी करते हैं. अमेरिका संभावित रूप से जमी हुई रूसी संपत्तियों को जब्त और बांट सकता है.
प्रतिबंध का ऐलान करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन के बहादुर लोग भविष्य की रक्षा और अपनी फ्रीडम के लिए लड़ते रहे हैं, वहीं नाटो भी अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूर और एकजुट हुआ है. उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के समर्थन में रूस की आक्रमकता के लिए जवाबदेह ठहराना चाहते हैं. बता दें कि अमेरिका ने रूस के करीब 100 फर्मों पर सख्त बैन लगाया है.