इंदौर: जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट द्वारा रविवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में बैठक आहूत कर इंदौर में कोरोना के उपचार हेतु की जा रही व्यवस्थाओं तथा अस्पतालों में उपलब्ध बेड क्षमता के संबंध में समीक्षा की गई। इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा, डीआईजी मनीष कपूरिया, गौरव रणदिवे, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित तथा शासकीय अस्पतालों के अधीक्षक सहित अन्य चिकित्सकगण उपस्थित रहे।
बैठक में मंत्री सिलावट ने एमवाय अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ पीएस ठाकुर से अस्पताल में कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु पृथक से वार्ड रिजर्व करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की। डॉ ठाकुर ने बताया कि अस्पताल भवन के ऊपरी दो मंजिलों को पृथक से कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु रिजर्व किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टेंपरेरी पार्टीशन के माध्यम से कोविड संक्रमित एवं सामान्य मरीजों के अलग-अलग एंट्री और एग्जिट प्वाइंट अस्पताल भवन में बनाए जाएंगे। जिससे सामान्य मरीजों को कोरोना संक्रमण का खतरा ना रहे। इस प्रकार एमवाय अस्पताल में कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु 200 से 300 बेड आरक्षित किए जा सकेंगे।
मंत्री सिलावट ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट काल में हम सभी को अपनी पूरी क्षमता के साथ इसका सामना करना है। उन्होंने कहा कि “मैं आप सभी चिकित्सकों के इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई में दिए गए योगदान को प्रणाम करता हूं”। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और चिकित्सकों को निर्देश दिए कि कोविड संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध कराया जाना हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
आज से चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में शुरू होगा कोविड के मरीजों का उपचार-
संभाग आयुक्त डॉ शर्मा ने बताया कि सोमवार से चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में भी कोविड संक्रमित मरीजों का उपचार शुरू किया जाएगा। कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए जिले में बेड क्षमता बढ़ाई गई है जिसके अंतर्गत इंडेक्स अस्पताल में 800 बेड आरक्षित किए गए हैं। इसी तरह मंगलवार तक अरविंदो अस्पताल में भी कोविड के उपचार हेतु 150 नए बेड उपलब्ध किए जाएंगे। उन्होंने उपस्थित अस्पताल अधीक्षक और चिकित्सकों को आश्वासन दिया कि कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु जिन भी संसाधनों की आवश्यकता होगी वह शासन और प्रशासन के पूर्ण सहयोग से उनको प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम सभी को अभी पूरी एकजुटता के साथ इस महामारी का मिलकर सामना करना है। उन्होंने बताया कि जिले में अभी बेड एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता निरंतर रूप से बनी हुई है।
बेड उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में बनाए गए ट्रायल रूम-
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ दीक्षित ने बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधीन सभी अस्पतालों में ट्रायल रूम बनाए गए हैं। जैसे ही कोई कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में आता है, तो उसे तुरंत ही ट्रायल रूम में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाएगा। ट्रायल रूम के माध्यम से गंभीर स्थिति में आने वाले मरीजों का इलाज तत्कालिक रुप से प्रारंभ कर दिया जाएगा।