नई दिल्ली : देश में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानो द्वारा प्रदर्शन जारी हैं, कृषि कानूनों के इस मुद्दे के चलते सरकार और किसानो के कई बैठके भी संपन्न हुई थी जोकि बेबुनियाद रहीं थी। इसी कर्म में किसानो ने देश के 72वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की सीमाओं पर ट्रेक्टर रैली निकालने का एलान किया था लेकिन इस दिन किसानो ने दिल्ली में ट्रेक्टर रैली की आड़ में जो उत्पात और हिंसा मचाई थी, उसके बाद इस किसान आंदोलन के समर्थको को भी चौका दिया था। इस टैक्टर रैली में दिल्ली में जिस प्रकार की हिंसा हुई थी वो पहली बार देखि गई है, जिसके बाद से इस उत्पात में शामिल लोगो और इसको अंजाम देने वाले लोगो के खिलाफ पुलिस जाँच कर रही है।
दिल्ली में मचे इस उत्पात में विदेश की हस्तियों ने भी हस्तक्षेप किया था, और इसी बीच इस मामले में “टूलकिट” शब्द भी सामने आया था, इस टूलकिट में इस पुरे उत्पात से जुडी जानकारी के पहले से होने का दावा किया गया था। इस टूलकिट मामले में पुलिस ने पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस पुरे मामले की जाँच और पूछताछ दिशा से की जा रही थी।
आज 23 फरवरी को ‘टूलकिट’ मामले में गिरफ्तार पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई है। दरसल टूलकिट मामले में दिशा रवि की एक दिन की कस्टडी पुलिस को मिली थी और पूछताछ की कार्यवाही के बाद दिल्ली पुलिस ने दिशा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था।
आज टूलकिट मामले को लेकर जस्टिस धर्मेंद्र राणा ने दिशा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली साथ ही जस्टिस ने दिशा को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी, लेकिन दिशा के वकील का कहना हैं कि दिशा का परिवार इतनी रकम देने में असमर्थ है। इस टूलकिट मामले को लेकर दिशा रवि पटियाला हाउस कोर्ट में शनिवार को दिशा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी, एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा की कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत पर फैसला मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
अदालत में दिशा रवि को पेश करने के बाद जस्टिस के सामने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिशा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि “यह महज एक ‘टूलकिट’ नहीं था, असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करना था, दिशा ने वॉट्सऐप पर हुई चैट मिटा दी थी, वह कानूनी कार्रवाई से वाकिफ थी, इससे यह जाहिर होता है कि ‘टूलकिट’ के पीछे नापाक मंसूबा था” सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने दिशा रवि एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत मिल चुकी है।