श्रावण मास भगवान महादेव को बेहद प्रिय होता है। सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सावन के महीने में सोमवार व्रत और शिवलिंग का जलाभिषेक करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है। सावन का दूसरा सोमवार परसो है। ऐसे में सावन के दूसरे सोमवार को नवमी तिथि पड़ रही है।
इस दिन कृत्तिका नक्षत्र रहेगा। भगवान शिव की पूजा से ग्रहण योग की अशुभता नष्ट हो जाएगी। ऐसे में जिन लोगों की जन्मपत्री में ग्रहण का योग बन रहा है वो सावन के दूसरे सोमवार में सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें तो जीवन में आने वाले दुखों, परेशानियों का अंत हो जाएगा और जातक पर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहेगा। हिंदू धार्मिक मान्यताओं में, महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है। शिवपुराण के रुद्रसंहिता में बताया गया है कि सावन के महीने में हर रोज जो भी सच्चे मन से शिव जी की पूजा से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त –
अभिजीत : 12:19 पीएम – 01:11 पीएम
अमृत काल : 08:01 पीएम – 09:49 पीएम
ब्रह्म मुहूर्त : 04:47 एएम – 05:32 एएम
गोधुली मुहूर्त : 07:01 पीएम – 07:25 पीएम
अद्भुत संयोग –
आपको बता दे, सावन के दूसरे सोमवार की शुरुआत कृतिका नक्षत्र के साथ होगी और इस दिन कृष्ण पक्ष की नवमी भी है। मान्यताओं के मुताबिक, नवमी की देवी मां दुर्गा हैं, सोमवार के देवता चंद्र, कृत्तिका नक्षत्र का स्वामी सूर्य व राशि शुक्र है। ऐसे में ज्योतिष की नजरिए से देखा जाए तो सावन के दूसरे सोमवार में भगवान शिव की पूजा के साथ मां पार्वती की पूजा भी अत्यंत फलदायी रहेगी। सूर्यदेव और चंद्रदेव की पूजा का भी विशेष महत्व रहेगा।