हिंदू धर्म में आपने देखा ही होगा की किस प्रकार लोग सभी भगवान को अलग अलग विशिष्ट प्रकार से मनाते है और कई तरह की चीज़े उन पर चढ़ाते है, ऐसा ही कुछ शनिवार के दिन भगवान शनिदेव के लिए किया जाता है, इस दिन सभी भक्त भगवान शनिदेव पर तेल चढ़ाते है, लेकिन आपने ये भी देखा ही होगा की सिर्फ भगवान शनिदेव ही ऐसे भगवान है जिनकी मूर्ति पर तेल चढ़ाया जाता है, लेकिन बहुत कम लोगो को इस बात की जानकारी होगी कि क्यों भगवान शनिदेव पर तेल चढ़ाया जाता है या फिर इस का क्या महत्व है, तो आज हम आपको बताते है कि ऐसा क्यों किया जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार शनिदेव जब अपनी अत्यधिक शक्ति और बल का प्रदर्शन करना चाह रहे थे उस समय हनुमान जी सबसे शक्तिशाली और वीर पराक्रमी माने जाते थे, और यह सुन शनिदेव, हनुमान जी से युद्ध करने निकल पड़े लेकिन उस समय हनुमानजी एकांत में बैठकर श्री राम की भक्ति में लीन थे और शनिदेव के युद्ध के लिए ललकारने पर उन्होंने कहा कि में प्रभु श्री राम का ध्यान कर रहा हु तुम चले जाओ बावजूद इसके वो नहीं माने और उसी समय हनुमान जी के राम सेतु की परिक्रमा का वक़्त गया और उनके समझने के बाद उन्होंने शनि देव को अपनी पूंछ में लपेट लिया तथा राम सेतु की परिक्रमा शुरू कर दी। जिसमे शनिदेव घायल हुए उन्हें कई चोट भी आई जिसके बाद शनिदेव ने हनुमान जी से माफ़ी मांगी तब हनुमान जी ने शनिदेव से एक वचन माँगा और शनि देव ने वचन देते हुए कहा कि आपके भक्तों पर मेरा कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा जिसके बाद उन्हें आज़ाद कर स्वयं हनुमान जी ने चोटिल शरीर पर तेल लगाया जिससे शनिदेव को पीड़ा में आराम प्राप्त हुआ। तब शनि देव ने कहा कि जो मनुष्य मुझे तेल चढ़ाएंगे उनका जीवन समृद्ध होगा तथा मेरी वजह से कोई कष्ट नहीं होगा उस समय से आज तक भगवान शनिदेव के शरीर पर तेल चढ़ाया जाता है और यह प्रथा चलती जा रही है.