आज है सावन की मासिक शिवरात्रि। सावन के माह में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन भक्त शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं। ये दिन शिव भक्तों के लिए खास मायने रखता है। इस दिन भक्त शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ा कर शिव जी को प्रसन्न करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं हर महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर मासिक शिवरात्रि होती है।
सभी मासिक शिवरात्रियों में से सावन महीने में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भक्त का पूरा जीवन आनंद से भर जाता है। आज हम आपको सावन शिवरात्रि पूजा और अभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते है –
शुभ मुहूर्त –
सावन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: 06 अगस्त को शाम 06 बजकर 28 मिनट से
सावन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: 07 अगस्त की शाम 07 बजकर 11 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त- आज 6 अगस्त को प्रातः काल 4:20 बजे से 05:03 बजे तक
अभिजित मुहूर्त- 6 अगस्त दोपहर 12 बजे से 12:54 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- 7 अगस्त 06:38 एएम से 05:46 एएम
अमृत काल- 7 अगस्त को सुबह 5:42 बजे से 07:25 बजे तक
निशिता मुहूर्त- 7 अगस्त को 12:06 एएम से 12:48 एएम तक
पूजा विशेष: शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में करना अतिशुभ माना जाता है.
महत्व –
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। दरअसल, भक्तों के सभी कष्ट कट जाते हैं। वैवाहिक जीवन सुखमय बन जाता है। पूजा जीवन आनंदमयी हो जाता है।