माघ मास की शुरुआत हो चुकी हैं। ऐसे में माघ मास की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ कहा जाता है। इसके अलावा इसको संकष्टी चतुर्थी और माघी चतुर्थी भी कहा जाता हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती हैं। उनकी उपासना करने से जीवन के सभी संकट टल जाते हैं।
इस दिन को हिन्दू मान्यताओं में काफी ज्यादा महत्त्व दिया जाता है। इस दिन व्रत रखने से संतान की भी प्राप्ति होती हैं। साथ ही संतान संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन आप कैसे भगवान गणेश को प्रसन्न कर सकते है और किस विधि से उनकी पूजा कर सकते है तो चलिए जानते हैं।
विशेष लाभ – आपको बता दे, इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने मात्र से ही हर तरह के संकट का नाश हो जाता हैं। वहीं संतान प्राप्ति और संतान संबंधी समस्याओं का निवारण होता है। साथ ही अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं। हर तरह के कार्यों की बाधा दूर होती है और धन तथा कर्ज संबंधी समस्याओं में सुधार होता है।
पूजन विधि – आप प्रातःकाल स्नान करके गणेश जी की पूजा का संकल्प लें। फिर दिन भर जलधार या फलाहार ग्रहण करें। उसके बाद संध्याकाल में भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें। साथ ही भगवान को तिल के लड्डू, दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें और चन्द्रमा को निगाह नीची करके अर्घ्य दें। भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें फिर जैसी कामना हो , उसकी पूर्ति की प्रार्थना करें।
संतान प्राप्ति के लिए ये करें –
– रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य दें
– भगवान गणेश जी के समक्ष घी का दीपक जलाएँ
– उनको अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू अर्पित करें
– उनके समक्ष बैठकर “ॐ नमो भगवते गजाननाय ” का जाप करें
– पति – पत्नी एक साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा अच्छा होगा
बाधा और संकटों का नाश करने के लिए ये करें –
– पीले वस्त्र धारण करके भगवान गणेश के समक्ष बैठें
– उनके सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं
– अपनी उम्र के बराबर लड्डू रक्खें
– फिर एक एक करके सारे लड्डू चढ़ाएं
– हर लड्डू के साथ “गं” कहते जाएं
– इसके बाद बाधा दूर करने की प्रार्थना करें
– एक लड्डू स्वयं खा लें, बाकी बांट दें