आज रविवार, आश्विन शुक्ल पंचमी तिथि है। आज अनुराधा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है।
-आज ललिता पञ्चमी है।
-आज पाण्डू पुत्र युधिष्ठिर जयन्ती है।
-देवी की सर्वप्रथम पूजा भगवान श्रीकृष्ण ने सृष्टि के आदिकाल में गोलोकवर्ती वृन्दावन के रास मण्डल में की थी।
-देवी की दूसरी बार पूजा ब्रह्माजी ने मधु और कैटभ से भय प्राप्त होने पर की थी।
-देवी की तीसरी बार पूजा शिवजी ने त्रिपुर से प्रेरित होकर की थी।
-चौथी बार इन्द्र ने पुनः राज्य प्राप्त करने के लिए भगवती की पूजा की थी।
-इसके बाद मुनीन्द्रों, सिद्धेन्द्रों, देवताओं और श्रेष्ठ महर्षियों द्वारा सम्पूर्ण विश्व में सब ओर सदा देवी की पूजा प्रारम्भ होने लगी।
-देवी का प्राकट्य सम्पूर्ण देवताओं के तेज:पुञ्ज से हुआ है।
-नवरात्र में 2 वर्ष से 10 वर्ष तक की रोग रहित और सौन्दर्यमयी कन्याओं का पूजन करना चाहिए।
-वरदान स्वरुप दुर्गा कुण्ड में स्थित हुई मॉं पराम्बा दुर्गा वाराणसी पुरी की आज भी रक्षा कर रही हैं।
-नवरात्र में विधि विधान से देवी के नवाक्षर ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै मन्त्र का जप तथा मार्कण्डेय पुराण में वर्णित देवी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए