MP Election 2023 : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। पक्ष और विपक्ष दोनों चुनावी मैदान में उतर आए हैं। ऐसे में कांग्रेस इस बार टिकट बांटने को लेकर काफी आगे नजर आ रही है। अभी कुछ दिनों पहले ही कमलनाथ ने बताया था की मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर करीब 3500 आवदेन प्राप्त हुए हैं। अब इन आवेदनों पर टिकट किसे दिया जाएगा। इसका फार्मूला तय किया जाएगा।
साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी के बीच कमलनाथ ने कहा कि मैं और एआईसीसी दोनों ही सर्वे कराने में लगे हैं। इसको लेकर बहुत सारी चीजें का मन होने के साथ विपरीत भी हो गई है। हालांकि इसमें हम स्थानीय लोगों की राय लेंगे। इस बार टिकट में किसी भी तरह का मेरा तेरा नहीं चलने दिया जाएगा। स्थानी लोगों की राय के आधार पर टिकट दिया जाएगा। वहीं पैरामीटर पर तोलने के बाद कांग्रेस का प्रत्याशी तय करेंगे।
सोमवार को कमलनाथ के निवास पर बैठक हुई। इसमें कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शिरकत करते हुए नजर आए। 2 घंटे चली इस मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस मीटिंग में कांग्रेस में प्रदेश में भाजपा को मिलने के लिए भ्रष्टाचार महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर फोकस करने की प्लानिंग बनाई हैं। इस बैठक में एआईसीसी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि हम मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी उन्होंने कहा है कि सभी को एकजुट होकर मध्यप्रदेश में चुनाव की तैयारी करनी है। भाजपा को खेलने के लिए कांग्रेस भ्रष्टाचार को लेकर घर घर जाएगी। बैठक में जीतू पटवारी ने कहा है कि उन्होंने इस बैठक में शिवराज सरकार को गिराने का संकल्प लिया है।
कांग्रेस अब दो चुनाव हारने वाले नेताओं को टिकट नहीं देगी। कांग्रेस अब उन जगह पर नए चेहरों को उतारकर बाजी मारने का प्लान बना रही है। बैठक में किस नेता को टिकट देना है किसे नहीं देना है इस पर भी रणनीति बनाई है। बता दें कि इस समय दल बदल की राजनीति भी जारी है। ऐसे में भाजपा से कांग्रेस में और कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले नेताओं की लाइनें लगी हुई है। ऐसे में कांग्रेस पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बताया कि जो लोग भाजपा से कांग्रेस में आ रहे हैं उन नेताओं को कांग्रेस की लोकल यूनिट से इजाजत लेना पड़ेगी तभी उन्हें प्रदेश का नेतृत्व सदस्यता देगा।