Tirupati Prasadam Controversy: आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने तिरूपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू में मिलावट की पुष्टि करने वाली लैब रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि लड्डू जानवरों की चर्बी और अन्य अवांछित तत्वों से दूषित पाया गया है।
नई सप्लाई कंपनी
सरकार ने लड्डू बनाने के लिए घी की आपूर्ति करने वाली कंपनी को बदलने का निर्णय लिया है। अब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम लड्डू बनाने के लिए नंदिनी ब्रांड के घी का उपयोग करेगा। पुरानी कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, और नंदिनी कंपनी को सप्लाई ऑर्डर दे दिया गया है।
नंदिनी ब्रांड: दक्षिण भारत में लोकप्रियता
नंदिनी ब्रांड, कर्नाटक का सबसे बड़ा दूध उत्पादक ब्रांड है, जो दक्षिण भारत में घर-घर में प्रसिद्ध है। यह आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और गोवा में भी लोकप्रिय है। नंदिनी का स्वामित्व कर्नाटक सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड के पास है। विवाद के बीच, तिरुपति मंदिर की सफाई के लिए अनुष्ठान किए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं के बीच विश्वास को बहाल किया जा सके।
जगन मोहन रेड्डी का बयान
लड्डू विवाद ने राजनीति को भी गरमा दिया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अपने प्रतिद्वंद्वी चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधते हुए कहा कि नायडू जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस विवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नायडू राजनीतिक लाभ के लिए भगवान तक का सहारा ले रहे हैं।
कर्नाटक सरकार के निर्देश
कर्नाटक सरकार ने नए निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत सभी मंदिरों में दीपक जलाने, प्रसाद तैयार करने और भक्तों को भोजन परोसने के लिए केवल नंदिनी घी का उपयोग किया जाएगा।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का स्पष्टीकरण
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) ने विवाद के बाद यह स्पष्ट किया है कि मिलावटी घी से उनका कोई संबंध नहीं है। KMF ने आखिरी बार 2020 में तिरुपति मंदिर को आपूर्ति की थी। इस विवाद ने न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रभावित किया है, बल्कि राजनीति में भी नई बहस को जन्म दिया है।