भोपाल : पिछले 59 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में व तीन किसान विरोधी काले कानूनों के विरोध में आज अपनी घोषणा के अनुरूप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व में हजारों किसानो , कांग्रेस जनो का एक विशाल मार्च राजभवन के घेराव के लिए जवाहर चौक से प्रारंभ हुआ। इसमें हजारों की संख्या में प्रदेश भर से आये किसान भाई व कांग्रेसजन शामिल हुए।यह मार्च राजभवन तक जाकर महामहिम राज्यपाल महोदय को राष्ट्रपति जी के नाम ज्ञापन सौंपकर समाप्त होना था लेकिन शिवराज सरकार के इशारे पर प्रशासन ने इस मार्च को रोशनपुरा चौराहे के समीप ही बैरिकेट्स लगाकर दमनपूर्वक रोक दिया।
वहीं पर कमलनाथ जी के नेतृत्व में हजारों किसान भाइयों व कांग्रेसजनों ने किसानो के आंदोलन के समर्थन में अपनी सांकेतिक गिरफ़्तारियाँ दी व वही पर जिला प्रशासन के अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके पूर्व जवाहर चौक पर एक सभा हुई , जिसे संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने कहा कि आज हम सभी किसानों के आंदोलन के समर्थन में यहाँ एकत्रित हुए है।जो हमारे लाखों किसान भाई आज दिल्ली की सीमा पर कड़ाके की ठंड में अपने हक़ के लिये संघर्ष कर रहे है , उनका हमें साथ देना है। यह कौन से काले कानून है जिसके खिलाफ लाखों किसान आज दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं ,इसके बारे में मैं आपको आज जानकारी देना चाहता हूं।एक समय वह था जब हमारे देश में अनाज का आयात होता था , वह भी एक भारत था।इंदिरा गांधी जी ,पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ,लाल बहादुर शास्त्री जी ने सबसे ज्यादा प्राथमिकता हमारे कृषि क्षेत्र को ही दी और उसी के कारण आज हमारा देश अनाज का निर्यात करता है।आयात करने वाला देश निर्यात करने लगा ,यह सब कैसे हुआ इसके लिए कांग्रेस की सरकारों ने कई क्रांतिकारी निर्णय लिए।हमने ना सिर्फ़ बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया ,कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया बल्कि इसके साथ-साथ सबसे बड़ा कदम उठाते हुए कृषि क्षेत्र का भी राष्ट्रीयकरण किया, उसी समय से समर्थन मूल्य शुरू हुआ।उसके पहले समर्थन मूल्य का कोई नाम नहीं जानता था।उसके बाद एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन बनी और एफसीआई की स्थापना हुई।
एफसीआई समर्थन मूल्य में खरीदेगा , यह निर्णय उस समय की कांग्रेस सरकार ने लिया।हमने निर्णय लिया कि अपने देश में अनाज का एक ऐसा बफ़र स्टॉक बनाएंगे ,जिसमें कभी अकाल पड़ जाए तो भुखमरी ना हो। हमारे प्रदेश के किसान तो गुजारे की खेती करते थे और आज भी करते हैं।वे अपनी फसल बेचकर आज भी साल भर का गुजारा करते हैं।आज भी मध्य प्रदेश में 20% किसानों को ही समर्थन मूल्य का लाभ मिलता है।मैंने लड़ाई लड़ी थी जब मैं मुख्यमंत्री था ,मेरी सरकार थी कि समर्थन मूल्य में खरीदी की जाये।मोदी जी की सरकार ने कोटा फिक्स किया था कि मध्यप्रदेश इससे ज्यादा नहीं खरीदेगा , यदि ख़रीदेगा तो वो अपनी जेब से खरीदे।
मैंने मोदी सरकार से बहुत बड़ी लड़ाई लड़ी ,यह प्रमाण के रूप में रिकॉर्ड में आज भी मौजूद है।हमें समर्थन मूल्य से वंचित रखने का काम किया गया। इन तीन काले कानूनो के द्वारा उद्योगपतियों को मंडी का दर्जा दिया जाएगा , वह किसान के पास जाएंगे मनमाने दाम पर किसानों से उत्पाद खरीदेंगे ,किसान तो मजबूर है ,उसकी आवश्यकता है।समर्थन मूल्य भी इन काले कानूनो से खत्म हो जाएगा।क्या किसान बड़े-बड़े उद्योगपतियों से लड़ सकेगा ? कांटेक्ट फ़ार्मिंग से किसान बंधुआ मजदूर बन जाएगा।खेती करने वाला किसान मजदूर बन जाएगा।तीसरा काला कानून जमाखोरी व कालाबाजारी को बढ़ावा देगा।
हमारे देश की अर्थव्यवस्था आज 70% कृषि क्षेत्र पर आधारित है।वह लोग जिन्होंने 2 करोड़ रोजगार के झूठे वादे किए थे ,उसके बाद उन्होंने कभी रोजगार पर बात नहीं करी , इन काले कानूनो को कुछ समय के लिये स्थगित करने का झूठा आश्वासन आज दे रहे है लेकिन जब तक इन काले क़ानूनों को वापस नहीं लिया जाता हम चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि किसी को भी इन पर भरोसा नहीं है। आज इस मार्च के द्वारा हम देशभर में संदेश देंगे कि हम किसानों के साथ उनके हर संघर्ष में साथ हैं। सभा को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ,पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी,अरुण यादव,कांतिलाल भूरिया ने भी संबोधित किया।
सभा के पश्चात सभी नेता एक वाहन में सवार हुए और उनके साथ में हजारों किसान भाइयों व कांग्रेसजनो का काफिला राजभवन की ओर कूच करने के लिए निकला।हजारों की संख्या देखकर शिवराज सरकार के इशारे पर इस शांतिपूर्ण मार्च को दमन पूर्वक बैरिकेट्स लगाकर रोशनपुरा चौराहे के समीप ही रोक दिया गया।जहाँ विरोध स्वरूप हज़ारों कांग्रेसजनों ने और किसान भाइयों ने कमलनाथ जी के नेतृत्व में अपनी सांकेतिक गिरफ्तारी दी। इस शांतिपूर्ण मार्च में हज़ारों की संख्या में शामिल किसान भाइयों , महिलाओं व कांग्रेसजनो पर शिवराज सरकार के इशारे पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया गया , आंसू गैस छोड़ी गयी , पानी की बौछार छोड़ी गयी।जिससे कई किसान भाई , कांग्रेस जन ,महिलाएँ व मीडिया कर्मियों को गंभीर चोटें आई।
बर्बर तरीके से किसानों को ,कांग्रेस जनों को , महिलाओं को घेरकर पीटा गया।कई किसानो व कांग्रेसजनो के , महिलाओं के हाथ पैर इस लाठीचार्ज में टूट गये।इस दमन ने अंग्रेजों के शासन काल की याद दिला दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस जन ऐसे किसी भी दमन से घबराने वाले नहीं है।हमारा किसानों के समर्थन में संघर्ष जारी रहेगा ,हम डरने-दबने वाले नहीं हैं।शिवराज सरकार के इशारे पर आज हुए बर्बर लाठीचार्ज ,आंसू गैस व पानी की बौछार छोड़े जाने कि हम कड़ी निंदा करते हैं।घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते है। आज उपस्थित हजारों लोगों का जनसैलाब ख़ुद बता रहा था कि आज पूरा देश , पूरा प्रदेश किसानों के साथ है ,उनके संघर्ष में उनके साथ है ,वह मोदी सरकार की तानाशाही नीति को खुली आंखों से देख रहा है। जब तक यह काले कानून रद्द नहीं किए जाते ,जब तक किसानों के साथ हर संघर्ष में कांग्रेस पूरी तरह मैदान में है , हमारा यह संघर्ष सतत जारी रहेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व में आज के मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह,पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सुधांशु त्रिपाठी,सीपी मित्तल ,कुलदीप इंदौरा ,संजय कपूर ,अरुण यादव ,कांतिलाल भूरिया ,विवेक तंखा सज्जन सिंह वर्मा ,एनपी प्रजापति ,डॉक्टर गोविंद सिंह ,जीतू पटवारी ,रामनिवास रावत ,बाला बच्चन ,सुरेंद्र चौधरी ,चंद्र प्रभाष शेखर ,राजीव सिंह ,प्रकाश जैन ,नरेंद्र सलूजा ,भूपेंद्र गुप्ता ,मांडवी चौहान ,विक्रांत भूरिया , दिनेश गुर्जर ,विपिन वानखेड़े ,पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ,सुखदेव पाँसे ,जयवर्धन सिंह ,विजयलक्ष्मी साधो ,लखन घनघोरिया महेंद्र जोशी , कमलेश्वर पटेल,हिना कांवरें ,सचिन यादव ,आरिफ मसूद ,कैलाश मिश्रा , आसिफ़ ज़की सहित हज़ारों किसान भाई व कांग्रेसजन उपस्थित थे।
नरेंद्र सलूजा
मीडिया समन्वयक