इन्दौर: पुलिस की डायल-100 को फ़ोन के माध्यम से सूचना मिली थी कि थाना राजेंद्र नगर क्षेत्र में बिजलपुर इलाके में एक तीन साल की बच्ची है जो रो रही है और कुछ बता नहीं पा रही है , उक्त बालिका को इलाके में पहले कभी देखा नहीं गया, मौके पर पहुँची पुलिस टीम ने सूचना तस्दीक के बाद आस पास इलाके में पूछताछ की लेकिन कोई कुछ नहीं बता सका, वही मासूम भी अपने निवास के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकी। इस प्रकार के नाबालिक बच्चों के गुमने आदि संवेदनशील प्रकरणों में पुलिस महानिरीक्षक इंदौर जोन इंदौर हरिनारायणचारी मिश्र एवं पुलिस उप महानिरीक्षक शहर इंदौर मनीष कपूरिया द्वारा सक्रियता एवं गंभीरता पूर्वक कार्रवाई किए जाने हेतु दिए गए निर्देशों के अनुक्रम में, उक्त मासूम 3 वर्ष की बालिका के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक पश्चिम महेशचंद जैन के मार्गदर्शन में अपुअ प्रशांत चौबे एवं न.पु.अ से मिले निर्देशों का थाना राजेंद्र नगर द्वारा कढ़ाई से पालन करते हुए, मासूम को राजेंद्र नगर थाने लाकर चाइल्ड लाइन की टीम को सूचना दी गई और उसके परिजनों की तलाश शुरू कर दी गई
राजेंद्र नगर थाना प्रभारी ने सोशल मीडिया का सदुपयोग किया और उसी की मदद से बच्ची के परिजनो के बारे में तीन घंटे में ही जानकारी मिल गई। राजेंद्र नगर थाना इलाके में जितनी भी कॉलोनी है लगभग सभी के whatsapp ग्रुप बने हुए है , इन सभी ग्रुप में थाना प्रभारी अमृता सोलंकी ने बच्ची के फोटो के साथ बच्ची की जानकारी प्रसारित कर दी थी । मासूम की बुआ इलाके में ही एक घर में काम करने गई हुई थी ,उसी दौरान घर के एक शख्स ने सोशल मीडिया पर फोटो देखा और उसका जिक्र किया, तो अचानक जिज्ञासावश बच्ची की बुआ ने जब फोटो देखा तो वह अपनी भतीजी को पहचान गई, और तत्काल थाना प्रभारी राजेंद्र नगर से सम्पर्क करने के बाद थाने पहुँच गई बालिका के पिता सुबह काम पर जाते वक़्त अपनी बेटी को अपनी बहन (बच्ची की बुआ) के घर छोड़ कर चले गए थे, इस दौरान मासूम अपनी दो अन्य बहनो के साथ खेल रही थी, और खेलते खेलते वह दूर निकल गई और बिछड़ गई, हालांकि वह अपने और माता पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही थी
थाने पर चॉकलेट एवं अन्य माध्यम से थाना प्रभारी ने बालिका को बातों में उलझाकर घर के पते के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया,लेकिन वही नहीं बता सकी, इस दौरान चाइल्ड लाइन की टीम भी मौजूद रही और जानकारी जुटाने का प्रयास किया। हालांकि सोशल मीडिया सकारात्मक परिणाम देखने में आया, कि ग्रुपों में संदेश वायरल होने के महज तीन घंटे के अंदर ही बालिका के परिजनों की तलाश पूरी हो गई और मासूम को परिजनों के सुपुर्द कर दिया, , इस दौरान स्थानीय रहवासियों ने भी सक्रियता के साथ सहयोग किया।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी राजेंद्र नगर अमृता सोलंकी, डायल-100 स्टाफ सउनि श्याम जोशी, पायलट सोनू डोडिया एवं थाना राजेंद्र नगर पुलिस टीम की अहम भूमिका रही।