उत्तर भारत में जारी बर्फबारी और जेट स्ट्रीम के प्रभाव के कारण प्रदेश में ठंड अपने चरम पर पहुंच गई है। पिछले पांच दिनों से न्यूनतम तापमान लगातार गिरावट पर है। प्रदेश के आठ से अधिक शहरों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। राजधानी भोपाल और रायसेन में पारा गिरकर 3.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो 580 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब है। पचमढ़ी सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां तापमान केवल 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तर भारत में हो रही भारी बर्फबारी का असर पूरे प्रदेश पर पड़ा है, जिससे ठिठुरन और शीतलहर बढ़ गई है। कई इलाकों में रात के समय तीव्र शीतलहर तो दिन में कोल्ड डे (दिन में ठंडा मौसम) की स्थिति बनी हुई है।
भोपाल में सर्दी ने तोड़े रिकॉर्ड
भोपाल में इस साल की सर्दी ऐतिहासिक साबित हो रही है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। शनिवार को तापमान 4 डिग्री गिरकर 3.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। यह पिछले दो वर्षों में दिसंबर में दर्ज किया गया सबसे कम तापमान है। इससे पहले 2021 में 15 दिसंबर को भोपाल का न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
58 साल पुराने रिकॉर्ड पर मंडरा रहा खतरा
भोपाल में अब तक का सबसे कम तापमान 11 दिसंबर 1966 को दर्ज किया गया था, जब पारा 3.1 डिग्री तक गिर गया था। मौसम विभाग के अनुसार, अगर सर्दी का यह सिलसिला जारी रहा, तो इस बार का न्यूनतम तापमान 58 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
पहाड़ों पर बर्फबारी का असर
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में जारी भारी बर्फबारी से ठंड में और अधिक इजाफा हुआ है। पूरे प्रदेश में शीतलहर और ठिठुरन ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। सर्दी के कारण कई क्षेत्रों में लोगों को गर्म कपड़े, अलाव और अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ठंड से बचने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
इस कड़ाके की ठंड से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक ठंड और बढ़ने की संभावना जताई है, जिससे सर्दी का यह सिलसिला और खतरनाक हो सकता है।