शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं शनि 22 अप्रैल 2022 में अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। शनि इस दौरान मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही धनु जातकों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी।
11 अक्टूबर 2021 को शनि के मार्गी होने से धनु जातकों को शनि साढ़े साती से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। अगर शनि आपकी कुंडली में शुभ स्थिति में बैठे हैं तो इस दौरान आपको और भी अधिक लाभ प्राप्त होने के आसार रहेंगे। धनु वालों को शनि साढ़े साती का अब शुभ फल प्राप्त होना शुरू हो जाएगा।
साल 2022 में ही 12 जुलाई को शनि अपनी वक्री चाल में एक बार फिर से मकर राशि में गोचर करने लगेंगे और 17 जनवरी 2023 तक इसी राशि में मौजूद रहेंगे। जिससे धनु जातक इस अवधि में एक बार फिर से शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे। इस दौरान थोड़े कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन 17 जनवरी 2023 से धनु जातक शनि साढ़े साती से पूरी तरह मुक्त हो जाएंगे।
शनि साढ़े साती जब भी उतरती है तो ये समय बेहद ही खास माना जाता है। इस दौरान शत्रुओं का नाश हो जाता है, कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त होती है। घर-परिवार वालों का सहयोग प्राप्त होने लगता है। कर्ज उतरने लगता है। रुके हुए कार्य फिर से बनने लगते हैं। मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तनाव कम हो जाते हैं।
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