सावन में शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये चीज़ें, शिव जी होंगे प्रसन्न, मिलेगा मनचाहा पति

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सावन का पहला सोमवार आज है। सावन के पहले सोमवार की हिंदू धर्म में बहुत महिमा है। इस दिन भगवन शिव की पूजा अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवन की सच्चे मन से पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आज के दिन सुबह से ही भक्त मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं। लेकिन इस साल कोरोना होने की वजह से इस बार भक्तों ने घर पर ही सावन सोमवार की पूजा अर्चना की।

बता दे, जो भक्त सच्चे दिन से सावन सोमवार व्रत करता है और भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करता है उसपर भोलेशंकर भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद बना रहता है। अविवाहित लोग अगर सावन के 16 सोमवार का व्रत करें तो उन्हें योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। आज हम आपको इस व्रत के लिए पूजन सामग्री और मंत्र बताने जा रहे हैं।

पूजा की सामग्री –

सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा के लिए स्फटिक का शिवलिंग या मिट्टी का शिवलिंग भी ले सकते हैं, फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री लें।

भगवान शिव का मंत्र:

महामृत्युञ्जय मन्त्र:

-ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥
– ॐ नमः शिवाय.

व्रत-विधि –

सावन सोमवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करें।
इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
साथ ही माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं।
पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और बेल पत्र अर्पित करें।
शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं।
प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी-शक्कर का भोग लगाएं।
धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें।
आखिर में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद बांटें।