शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। हर व्यक्ति को शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या का सामना करना पड़ता है। शनि वर्तमान में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि का प्रभाव मिथुन, तुला, कुंभ, मकर और धनु राशि वालों पर है।
क्या है शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या
शनि जब चंद्र राशि से आठवें और चौथे भाव में हों तो यह अवस्था शनि ढैय्या कहलाती है। शनि चंद्र राशि के अनुसार, प्रथम, द्वितीय या द्वादश स्थान में हो तो शनि की यह अवस्था शनि की साढ़े साती कहलाती है।
शनि के बुरे प्रभाव से बचाव के उपाय-
वाद-विवाद से बचें।
वाहन चलाने में सावधानी बरतें।
इस दौरान यात्रा से बचें।
मांस या शराब के सेवन से बचें।
शनि देव और हनुमान जी की पूजा करें।
इन राशियों को मिलेगी शनि की दशा से मुक्ति-
वर्तमान में मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। शनि 29 अप्रैल 2021 को मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जिससे धनु राशि वालों से शनि की साढ़े साती हट जाएगी। शनि राशि परिवर्तन के बाद मीन, कुंभ और मकर राशि वाले इसकी चपेट में रहेंगे। शनि गोचर से मिथुन और तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। इसके बाद कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी।